रोड रेज: पंजाब सरकार ने अपने ही मंत्री सिद्धू की सजा का किया समर्थन
पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने ही कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ रोड रेज एवं गैर इरादतन हत्या के मामले में तीन साल की सजा बरकरार रखने का समर्थन किया है। एएनआई के मुताबिक, इस बीच पीड़ित परिवार ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के वकील से यह भी पूछा कि इस मामले में दूसरे आरोपी रुपिंदर सिंह सिद्धू को कैसे पहचाना गया, जबकि उसका नाम FIR में दर्ज नहीं था।
Punjab government seeks conviction of #Punjab Minister Navjot Singh Sidhu in a road rage case. Lawyer appearing for the Punjab government told Supreme Court that the statement given by Sidhu denying his involvement in the case was false. (File pic) pic.twitter.com/ELRMpwsZkA
— ANI (@ANI) April 12, 2018
आपको बता दें, वर्ष 1998 के रोड रेज के एक मामले में साल 2006 में हाईकोर्ट से सिद्धू को तीन साल की सजा मिली थी। इसके खिलाफ सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के अधिवक्ता ने गुरुवार को कहा कि तीन साल की सजा को बरकरार रखा जाए। इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। उस दौरान सिद्धू के वकील राज्य सरकार के वकील की दलीलों का जवाब देंगे। इससे पहले सिद्धू ने रोड रेज मामले को लेकर दायर एक नई याचिका का विरोध किया था।
इस बीच मामले में पीड़ित पक्ष गुरनाम सिंह के परिवार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। इस याचिका में कहा गया है कि सिद्धू को मिली तीन साल की सजा काफी नहीं है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए।
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने इस याचिका को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई पहले ही कर रहा है, लिहाजा इसे रेकॉर्ड पर नहीं रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर याचिकाकर्ता को याचिका दाखिल ही करनी है तो वह पहले निचली अदालत या हाई कोर्ट जाए।
इससे पहले सिद्धू के खिलाफ एक नई याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया है कि सिद्धू ने वर्ष 2010 में एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में माना था कि रोड रेज की घटना में उनकी भूमिका थी और उन्होंने यह माना था कि गुरुनाम सिंह को उन्होंने मारा था।