राज्यसभा मार्शल के नए ड्रेस कोड पर उठे सवाल, अब सभापति ने कहा- होगा पुनर्विचार
राज्यसभा के 250वें सत्र के शुरू होने पर सोमवार को आसन का नजारा कुछ बदला सा नजर आया। यह बदलाव आसन की सहायता के लिए मौजूद रहने वाले मार्शलों की एकदम नई वेषभूषा के कारण महसूस हुआ। आम तौर पर उच्च सदन की बैठक आसन की मदद करने वाले कलगीदार पगड़ी पहने किसी मार्शल के सदन में आकर यह पुकार लगाने से शुरू होती है कि ‘माननीय सदस्यों, माननीय सभापति जी।' लेकिन सोमवार को इन मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय गहरे हरे रंग (ऑलिव ग्रीन) की ‘पी-कैप' थी। साथ ही उन्होंने गहरे हरे रंग (ऑलिव ग्रीन) की आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी।सैनिकों की तरह पोशाक पहने मार्शल को देख कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सोमवार को कार्यवाही के दौरान सभापति वेंकैया नायडू से सैन्य पोशाक को लेकर सवाल उठाने का भी प्रयास किया लेकिन मगर नायडू ने इसकी अनुमति नहीं दी। हालांकि, आज यानी मंगलवार को राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू की तरफ से मार्शल के ड्रेस कोड को लेकर नया बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि मार्शल के नए ड्रेस कोड पर पुर्निचार होगा।
आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के दौरान सभापति वैंकेया नायडू ने कहा कि राज्यसभा का सचिवालय विभिन्न सुझावों पर विचार करने के बाद मार्शल के लिए एक नया ड्रेस कोड लेकर आया। लेकिन हमें कुछ राजनीतिक के साथ-साथ अन्य लोगों द्वारा कुछ अवलोकन प्राप्त हुए हैं। मैंने सचिवालय से फिर से इसपर विचार करने को कहा।
मार्शल की सैनिकों जैसे ड्रेस को लेकर नायडू ने नहीं उठने दिया था सवाल
सोमवार को सदन के दिवंगत सदस्यों के प्रति संवेदना जताए जाने के बाद कुछ सदस्यों ने सभापति नायडू से पूछा, क्या नई पोशाक में तैनात सहायक मार्शल हैं? नायडू ने इस पर कहा था कि हां ये मार्शल हैं मगर कोई सदस्य कुछ कहे इससे पहले उन्होंने अरुण जेटली समेत दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए बोलने की पहल शुरू करा दी। जब करीब घंटे भर बाद नेताओं के संवेदना जताने का सिलसिला थमा तो कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मार्शल की सैनिकों जैसे पोशाक को लेकर सवाल उठाने का प्रयास किया।
'क्या आप मॉर्शल लॉ लगाना चाहते हैं?'
सोमवार को सदन में जयराम रमेश ने कहा था, 'क्या आप मॉर्शल लॉ लगाना चाहते हैं?' इस पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, 'इतने महत्वपूर्ण घंटे में बिना महत्व के मुद्दे को मत उठाइए'। इस दौरान सभापति ने उनके सवाल को खारिज करते हुए सदन को स्थगित कर दिया।
पूर्व अधिकारियों ने जताई नाराजगी
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक सहित सेना के कई पूर्व अधिकारियों ने इस पर नाराजगी जाहिर की है। वीपी मलिक ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'गैर सैन्य कर्मियों द्वारा सैन्य वर्दी की नकल करना और पहनना गैरकानूनी है और सुरक्षा के लिए खतरा है। उम्मीद है कि उप राष्ट्रपति, राज्यसभा और राजनाथ सिंह जी उस पर उचित कार्रवाई करेंगे।' केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख ने भी कहा कि जो भी किया गया वह गैरकानूनी है।
पुरानी ड्रेस को बदलने की थी मांग
राज्यसभा सचिवालय ने मार्शलों के नये पोशाक पर यह कहते हुए तस्वीर साफ करने का प्रयास किया कि बहुत लंबे समय से सभापति के दाएं-बाएं तैनात रहने वाले सहायक अपनी पुरानी ड्रेस को बदलने की मांग करते आ रहे थे। इस नई पोशाक से पहले इन सहायकों का ड्रेस सामान्य था और सिर पर अंग्रेजों के समय से चली आ रही सहायकों वाली टोपी लगी रहती थी। लेकिन, सोमवार को इन मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय नीले रंग की ''पी-कैप'' थी। साथ ही उन्होंने नीले रंग की आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी।
बता दें आम तौर पर उच्च सदन की बैठक आसन की मदद करने वाले कलगीदार पगड़ी पहने किसी मार्शल के सदन में आकर यह पुकार लगाने से शुरू होती है कि ''माननीय सदस्यों, माननीय सभापति जी''।