राहुल का पीएम से दसवां सवाल, मोदी जी कहां गए वनबंधु योजना के 55 हजार करोड़?
गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रतिदिन एक सवाल पूछ रहे हैं। शुक्रवार को ट्विटर पर राहुल ने पीएम से 10वां सवाल पूछा। इसमें राहुल ने गुजरात में आदिवासी समुदाय से जमीन छीनने, स्कूल और अस्पताल न मिलने के साथ-साथ बेघर को घर और युवाओं को रोजगार न मिलने का मुद्दा उठाया।
राहुल ने ट्वीट में हैशटैग #गुजरात_मांगे_जवाब के साथ लिखा, ‘आदिवासी से छीनी जमीन, नहीं दिया जंगल पर अधिकार, अटके पड़े हैं लाखों जमीन के पट्टे, न चले स्कूल न मिला अस्पताल, न बेघर को घर न युवा को रोजगार। पलायन ने दिया आदिवासी समाज को तोड़, मोदी जी, कहाँ गए वनबंधु योजना के 55 हजार करोड़?''
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
Advertisement10 वां सवाल:
आदिवासी से छीनी जमीन
नहीं दिया जंगल पर अधिकार
अटके पड़े हैं लाखों जमीन के पट्टे
न चले स्कूल न मिला अस्पताल
न बेघर को घर न युवा को रोजगारपलायन ने दिया आदिवासी समाज को तोड़
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 8, 2017
मोदीजी, कहाँ गए वनबंधु योजना के 55 हजार करोड़?
इससे पहले राहुल ने गुरुवार को ट्विटर पर पीएम से 9वां सवाल पूछा था। उन्होंने गुजरात में कर्ज माफी, फसल के दाम और फसल बीमा की राशि का मुद्दा उठाया था। गुरुवार को राहुल ने ट्वीट में किया, ''न की कर्ज माफी, न दिया फसल का सही दाम, मिली नहीं फसल बीमा राशि, न हुआ ट्यूबवेल का इंतजाम, खेती पर गब्बर सिंह की मार, छीनी जमीन, अन्नदाता को किया बेकार, PM साहब बतायें, खेडुत के साथ क्यों इतना सौतेला व्यवहार?''
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
प्रधानमंत्रीजी- 9वाँ सवाल:
न की कर्ज़ माफ़ी
न दिया फसल का सही दाम
मिली नहीं फसल बीमा राशि
न हुआ ट्यूबवेल का इंतजामखेती पर गब्बर सिंह की मार
छीनी जमीन, अन्नदाता को किया बेकारPM साहब बतायें, खेडुत के साथ क्यों इतना सौतेला व्यवहार?
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 7, 2017
कांग्रेस पार्टी ने गुजरात चुनाव के मद्देनजर भाजपा को घेरने की नई रणनीति बनाई है। ऐसे तो राहुल प्रधानमंत्री मोदी को सोशल मीडिया के जरिए घेरते ही रहते हैं। लेकिन गुजरात में होने वाले चुनाव को लेकर सोशल मीडिया रणनीति के तहत काम करने का विश्ाेष्ा फैसला किया गया है। इसके तहत गुजरात चुनाव तक राहुल रोज सुबह पीएम मोदी से एक सवाल पूछ रहे हैँ।