Advertisement
02 December 2024

संसद सत्र के कारण अदालत में पेश नहीं हुए राहुल गांधी, सावरकर के परिजनों ने दायर किया है मानहानि मामला

file photo

कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद के शीतकालीन सत्र के कारण हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर के परिजनों द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत के संबंध में सोमवार को पुणे की एक अदालत में पेश नहीं हुए। गांधी के वकील मिलिंद पवार ने कहा कि उनके मुवक्किल ने संसद के चल रहे सत्र के कारण पेशी से छूट मांगी थी, उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता 10 जनवरी को अदालत में उपस्थित होंगे।

सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने पुणे की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें दावा किया गया था कि गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में अपने भाषण में कहा था कि सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें (सावरकर को) खुशी हुई थी।

याचिका के अनुसार, वीडी सावरकर ने ऐसा कहीं नहीं लिखा है। उस समय, अदालत ने पुलिस से आरोपों की जांच करने और रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। विश्रामबाग पुलिस ने जांच के बाद कहा कि शिकायत में प्रथम दृष्टया सच्चाई है। 18 नवंबर को संयुक्त सिविल जज और न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे की एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने एक आदेश जारी कर गांधी को 2 दिसंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।

Advertisement

शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता संग्राम कोल्हटकर ने अदालत से गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आग्रह किया, क्योंकि वह तीन मौकों पर अदालत में पेश होने में विफल रहे। कोल्हटकर ने तर्क दिया कि यह अदालत की अवमानना है, क्योंकि गांधी समन मिलने के बावजूद पेश होने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 174 (लोक सेवक के आदेश का पालन न करना) के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।

कोल्हटकर ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि अगर वह 10 जनवरी को अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। कोल्हटकर ने 26 नवंबर को राहुल गांधी द्वारा दिए गए भाषण से संबंधित कुछ समाचार कटिंग भी प्रस्तुत कीं, जिसमें राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ इसी तरह की टिप्पणी की थी। उन्होंने अदालत से गांधी को सावरकर के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने से रोकने के लिए कहा, जिस पर न्यायाधीश शिंदे ने मौखिक रूप से अधिवक्ता पवार से कहा कि वह अपने मुवक्किल से ऐसी टिप्पणी न करने के लिए कहें।

4 अक्टूबर को अदालत ने गांधी को 23 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा था। हालांकि, गांधी ऐसा करने में विफल रहे और उनके वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें सम्मन नहीं मिला है। 18 नवंबर को पवार ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल को समय चाहिए क्योंकि वह चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। उस समय अदालत ने गांधी को 2 दिसंबर को उपस्थित होने के लिए कहा था। सोमवार को न्यायाधीश शिंदे ने मामले की सुनवाई 10 जनवरी को तय की, जिस दिन गांधी के उपस्थित होने की उम्मीद है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 02 December, 2024
Advertisement