बजट पर बोले राहुल गांधी, बेरोजगारी मुख्य मुद्दा लेकिन इस बारे में इसमें कुछ नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बजट पेश किया। उन्होंने इस दौरान अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण दिया। करीब पौने तीन घंटे के भाषण में उन्होंने कई नई योजनाओं का ऐलान किया, साथ ही टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की बात भी कही। बजट पर मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। सरकार और उसके सहयोगी जहां इसकी सराहना कर रहे हैं तो विपक्ष का कहना है कि इस बजट में कुछ भी नया नहीं हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि शायद यह इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था लेकिन इसमें कुछ भी नहीं था, यह खोखला था। उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है लेकिन रोजगार के लिए बजट में कुछ नहीं है। मैंने ऐसा कोई रणनीतिक विचार नहीं देखा, जिससे हमारे युवाओं को रोजगार मिले। इस पर कोई केंद्रीय ठोस रणनीतिक योजना इस बजट में नहीं थी। इसमें पुरानी बातों को दोहराया गया है।
देश को समृद्ध और और स्वस्थ्य बनाएगाः राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बजट नये और आत्मविश्वासी भारत की रूपरेखा देता है, यह आने वाले वर्षों में देश को स्वस्थ एवं समृद्ध बनाएगा। बजट में सभी वर्गों के कल्याण और विकास पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित है, इसमें किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल निवेश के अनुकूल है बल्कि यह किसानों की आय को दोगुना करने और भारतीय उद्योगों को अस्थिर करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। साथ ही घोषित उपायों से निश्चित रूप से विकास होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
सबसे खराब बजटों में एकः अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट को 'पिछले एक दशक में सबसे खराब बजटों में से एक' करार दिया। उन्होंने कहा कि इसमें युवाओं और किसानों के लिए 'कुछ भी ठोस नहीं' है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गलत आंकड़े पेश कर रही है। उन्होंने पूछा, "सरकार ने 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद की मामूली वृद्धि का अनुमान 10 प्रतिशत पर कैसे लगाया है?"
किसान समर्थक और विकासोन्मुख बजटः योगी आदित्यनाथ
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस विकासोन्मुख और किसान-समर्थक बजट के लिए बधाई देता हूं। यह बजट इकॉनमी को और मजबूत करेगा।
दिल्ली को मिली निराशाः केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की बजट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन इसके साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार किया गया है। उन्होंने कहा, "जब दिल्ली भाजपा की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है, तो लोगों को इसके लिए वोट क्यों देना चाहिए?"