रेल बजट बना इतिहास, अब आम बजट में ही होगा पेश
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आने वाले साल से आम बजट में ही रेल बजट पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विचार विमर्श के बाद इसकी तारीख पर फैसला लिया जाएगा।
पिछले कुछ समय से कयास लगाए जा रहे हैं कि अब आम बजट एक फरवरी को पेश हो सकता है। अब तक आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में विचार कर इस पर भी सहमति बन गई है।
अरुण जेटली ने कहा कि विकास के मसले पर रेलवे की भूमिका अलग नहीं है। बजट की प्रक्रिया 31 मार्च से पहले पूरी करने का विचार है। सरकार सैद्धांतिक तौर पर बजट की तारीख पहली करने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने भी कहा है कि रेल बजट का आकार अब छोटा हो चुका है और आम बजट बड़ा होता गया है।
बजट में विभिन्न मंत्रालयों के खर्च को योजना और गैर-योजना बजट के तौर पर दिखाये जाने की व्यवस्था को भी समाप्त किये जाने का प्रस्ताव है। सरकार का इरादा समूची बजट प्रक्रिया को एक अप्रैल को नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरी करने का है, ताकि बजट प्रस्तावों को नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही अमल में लाया जा सके। यही वजह है कि बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया को समय से पहले शुरू किया जा रहा है ।
सूत्रों के अनुसार सरकार संसद का बजट सत्र 25 जनवरी 2017 से पहले बुला सकती है। आम बजट पेश करने से एक दो दिन पहले आर्थिक समीक्षा पेश की जा सकती है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अग्रिम अनुमान आंकड़े अब फरवरी के बजाय सात जनवरी को पेश किये जा सकते हैं। विभिन्न मंत्रालय अब व्यय की मध्यवर्षीय समीक्षा 15 नवंबर तक पूरी कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे मकसद पूरी बजट प्रक्रिया को 24 मार्च से पहले समाप्त करना है। विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक सहित पूरा बजट संसद में 24 मार्च से पहले पारित कराने की योजना है।