रेलवे की सप्लाई चेन होगी डिजिटल
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार रेलवे का यह कदम कारोबार सुगमता और प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने का एक प्रयास है।
रेलवे पहले ही 100 प्रतिशत ई-टेंडर और ई-नीलामी की प्रणाली को अपना चुका है और अब उसका प्रयास इस पहल को सामग्री, वित्त और सूचना के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए विकसित करने का है।
इस एकीकृत डिजिटल आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली डिजिटल कान्ट्रैक्ट को कल रेलमंत्री सुरेश प्रभु शुरू करेंगे। इसकी परिकल्पना एक प्रभावी, प्रतिक्रियात्मक और पारदर्शी प्रणाली बनाने को ध्यान में रखते हुए की गई है जिसमें उद्योगों, वित्तीय संस्थानों, रेलवे के आंतरिक ग्राहकों और निगरानी एजेंसियों को भी शामिल किया गया है।
यह प्रणाली बिल जमा करने, जांच, निकासी, प्राप्ति, बिल पारित करना, बिल भुगतान करना, वारंटी की निगरानी और आंकड़ों का विश्लेषण करने की सुविधा देगी ताकि आपूर्ति श्रृंखला की वास्तविक समय में क्षमता को बढ़ाया जा सके।
रेलवे के पास एक बहुत बड़ी आपूर्ति श्रृंखला है जिसकी जरूरत उसे देशभर में अपने परिचालन, परिसंपत्ति आधार के प्रबंधन, रखरखाव को बनाए रखने और परिवहन प्रणाली को सुरक्षित और प्रभावी बनाए रखने में होती है।
भाषा