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27 August 2018

जरूरतमंद बच्चों के लिए अब रेलवे स्टेशनों पर होंगे आश्रय गृह

File Photo

रेलवे ने अपने परिसर में पाए जाने वाले और तत्काल देखभाल एवं संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों के लिए एक अनोखी पहल की है। इसके तहत वह कुछ स्टेशनों पर आश्रय गृह बनाएगा, जहां इन बच्चों के कुछ समय तक ठहरने की व्यवस्था होगी।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक प्रायोगिक परियोजना के तौर पर ऐसे आश्रय गृह एवं हेल्प डेस्क दिल्ली, गुवाहाटी, दानापुर, समस्तीपुर और अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों पर या उनसे सटे स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बोर्ड ने बताया कि दो हजार वर्ग फुट में बने इन आश्रय गृहों में करीब 25 बच्चे रह सकेंगे और इनमें पोषण, मनो-सामाजिक तथा चिकित्सा संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इनका इस्तेमाल किशोर न्याय अधिनियम और पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत ‘‘बच्चों को उनके परिवार से मिलाने के तरीके के तौर” पर किया जाएगा।

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बोर्ड ने बताया कि रेलवे महिला कल्याण संगठन इस परियोजना का प्रभारी होगा और वह बच्चों पर केंद्रित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेगा। इन केंद्रों का नाम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सुझाएगा।

बोर्ड ने बताया कि संबंधित रेलवे मंडलों को इन पांच रेलवे स्टेशनों पर जरूरी जगह आवंटित करने को कहा गया है। इन आश्रय गृहों में 1,000 वर्ग फुट का एक शयनकक्ष, 75 वर्ग फुट का एक मरीज कक्ष, 125 वर्ग फुट का स्टोर रूम, दो शौचालय और दो बाथरूम होंगे।

आश्रय गृह का प्रभार संभालने वाले व्यक्ति को 500 वर्ग फुट का कार्यालय दिया जाएगा। रेलवे इन गृहों की सुरक्षा के लिए भी एक व्यक्ति तैनात करेगा। रेलवे ने कुछ दिन पहले बाल संरक्षण पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सहयोग से अपने कर्मचारियों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया जारी की थी जिसके बाद उसका यह फैसला आया है।

आंकड़ों के मुताबिक, अपना घर छोड़ने वाले या मानव तस्करी के शिकार करीब 35 हजार बच्चों को पिछले चार साल में रेलवे स्टेशनों से मुक्त कराया गया।

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TAGS: Railways, set up, stay homes, children, need, premises
OUTLOOK 27 August, 2018
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