राजा ने मनमोहन पर निकाली भड़ास
राजा ने यह भी कहा है उस मामले में शोर मचा रहे मीडिया और लग रहे आरोपों से मुकाबले की मानसिक शक्ति मनमोहन सिंह में नहीं रह गई थी। यही नहीं राजा ने इस पूरे मामले के लिए उस समय के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय को दोषी ठहराते हुए कहा है कि संप्रग सरकार को अस्थिर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई और राय इस साजिश का हिस्सा थे। विनोद राय के बारे में राजा ने लिखा है कि उनमें कोई दम नहीं था। उनके संवैधानिक पद ने उन्हें ताकत दी।
राजा ने यह सभी आरोप अपनी किताब में लगाए हैं। इन माय डिफेंस नामक यह किताब अगले बिक्री के लिए उपलब्ध होगी मगर इसके चुनिंदा अंश मीडिया में आने लगे हैं। संप्रग सरकार के दौर में दूरसंचार मंत्री रहे द्रमुक सांसद राजा को सीएजी की रिपोर्ट में 2जी घोटाले के आरोप लगने के बाद जेल में रहना पड़ा था। इस स्पेक्ट्रम का आवंटन संप्रग की पहली सरकार के दौर में हुआ था और उस सरकार के गठन में द्रमुक की बड़ी भूमिका थी। इसलिए राजा को दूरसंचार जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया गया था। वर्ष 2008 में संप्रग काल में आवंटित 122 टूजी स्पेक्ट्रम लाइसेंस को बाद में देश के सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। राजा पर आरोप है कि इस आवंटन के जरिये उन्होंने देश के खजाने को पौने दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
अपनी किताब में राजा ने लिखा है कि प्रधानमंत्री ने स्पेक्ट्रम आवंटन के मामले में उन्हें पूरा समर्थन दिया था मगर आरोप लगने के बाद सरकार उनके बचाव में नहीं खड़ी हुई। पीएम ने यह अन्याय किया कि वह इस मुद्दे पर उनके बचाव में कुछ नहीं बोले।