92 साल बाद संघ का गणवेश बदला, अब निकर नहीं फुल पेंट पहनेंगे
खाकी निकर संघ की यूनिफॉर्म में 92 साल से शामिल थी। भाजपा के मार्गदर्शक इस संगठन में यह संकेत एक प्रकार से पीढ़ीगत कहा जा सकता है।
संघ ने स्वयंसेवकों के लिए मोजों के रंग को बदलने की भी मंजूरी दे दी है और पुराने खाकी रंग की जगह गहरे ब्राउन रंग के मोजे इसमें शामिल होंगे। हालांकि परंपरागत रूप से शामिल दंड गणवेश का हिस्सा बना रहेगा। जिन राज्यों में अधिक सर्दी पड़ती है वहां ठंड के मौसम में संगठन के स्वयंसेवक गहरे ब्राउन रंग का स्वेटर पहनेंगे। एक लाख स्वेटरों का ऑर्डर दिया जा चुका है।
संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘विभिन्न मुद्दों पर संघ के साथ काम करने को लेकर समाज की स्वीकृति बढ़ती जा रही है और सुविधा के स्तर को देखते हुए वेशभूषा में बदलाव किया गया। यह परिवर्तन बदलते समय के अनुरूप ढलना दर्शाता है।’ वैद्य ने बताया कि आठ लाख से अधिक ट्राउजर वितरित कर दिए गए हैं। इनमें छह लाख सिले हुए ट्राउजर हैं और दो लाख का कपड़ा है जो देशभर में संघ कार्यालयों पर पहुंचा दिया गया है।
वैद्य ने बताया कि 2009 में गणवेश में बदलाव का विचार किया गया था लेकिन तब इस पर आगे काम नहीं हो सका। विचार-विमर्श के बाद 2015 में इस प्रस्ताव को फिर से आगे बढ़ाया गया और निकर की जगह ट्राउजर को वेशभूषा में शामिल करने की आम-सहमति बन गई संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने इस प्रस्ताव पर कुछ महीने पहले मुहर लगाई थी।