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30 May 2019

हाई कोर्ट से राजीव कुमार को मिली राहत, रोज घर जाकर अटेंडेंस लेगी सीबीआई

File Photo

कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त और सीआईडी के एडीजी राजीव कुमार की याचिका को कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब उन्हें सीबीआई के सामने पेश नहीं होना पड़ेगा। हालांकि, उनको अपना पासपोर्ट जमा करना पड़ेगा। राजीव कुमार कोलकाता से बाहर नहीं जा सकते हैं। सीबीआई की एक टीम राजीव कुमार की अटेंडेंस लेने के लिए रोज शाम चार बजे उनके घर जाएगी। बता दें कि सारदा चिट फंड घोटाले में राजीव कुमार पर इस मामले की जांच में तथ्यों को कथित तौर पर दबाने का आरोप है।

इससे पहले राजीव कुमार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि सीबीआई के उस नोटिस को रद्द किया जाए, जिसमें उन्हें पेश होने को कहा गया है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने पासपोर्ट जमा करने और सीबीआई का सहयोग करने की शर्त पर राजीव कुमार की याचिका स्वीकार कर ली।

एक महीने तक नहीं होगी गिरफ्तारी

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हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगले एक महीने तक राजीव कुमार के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसका मतलब है कि उन्हें अगले एक महीने तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 12 जून को होनी है। इस बीच वह कोलकाता से बाहर नहीं जा सकते हैं। सीबीआई की टीम रोज शाम को 4 बजे उनके घर जाकर अटेंडेंस भी लेगी।

राजीव के खिलाफ जारी किया गया था लुकआउट नोटिस

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार (26 मई) को कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड घोटाला मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया था। सोमवार को उन्हें सीबीआई के सामने पेश होना था लेकिन ऐन पहले बंगाल सीआईडी ने एक पत्र लिखकर जांच एजेंसी को बताया कि राजीव कुमार किसी निजी काम से अपने गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में हैं और छुट्टी पर चल रहे हैं, इसलिए पेश नहीं हो सकते। सीआईडी ने अपने प्रमुख की पेशी के लिए 3 दिन की मोहलत मांगी है।

राजीव विदेश जाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जाए

सीबीआई ने भी एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें सभी हवाई अड्डों और इमीग्रेशन अधिकारियों से कहा गया है कि वे राजीव कुमार को एक साल के लिए देश छोड़ने की इजाजत ना दें और अगर वे विदेश जाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जाए।

मंगलवार को सीबीआई अधिकारियों ने कोलकाता के दक्षिणी हिस्से में भवानी भवन में स्थित कुमार के कार्यालय में कुछ कागजात भेजे। उस समय माना गया था कि कुमार को दूसरा समन भेजा गया है, लेकिन सीबीआई सूत्रों ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि जांच से जुड़े कुछ अन्य कागजात भेजे गए हैं।

क्या है आरोप

1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार पर पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करने के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ करने और कुछ नेताओं को 2,500 करोड़ रुपए के शारदा चिट फंड घोटाले की जांच में बचाने की कोशिश करने का आरोप है। बाद में सीबीआई ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया था।

2013 में बनी थी एसआईटी

इस जांच के लिए ममता बनर्जी ने 2013 में एसआईटी बनाया था। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह कुमार से हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है क्योंकि पहली नजर में सबूत मिले हैं कि राजीव कुमार ने आरोपियों को बचाने की कोशिश की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के अपने आदेश को वापस ले लिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 'कानून के मुताबिक करने' की इजाजत दी है। सीबीआई ने कुमार से शिलांग में 9 फरवरी से पांच दिन तक पूछताछ की थी। सीबीआई का आरोप है कि शारदा समूह की कंपनियों ने पैसा लगाने के नाम पर लाखों लोगों को धोखा दिया।

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TAGS: Saradha case, Calcutta HC grants, Rajeev Kumar, one month's protection, arrest, date of reopening, court, June 10
OUTLOOK 30 May, 2019
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