लोकपाल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जताई नाराजगी, चार सप्ताह में मांगा नया हलफनामा
लोकपाल की नियुक्ति न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है तथा चार सप्ताह में पूरे विवरण के साथ नया हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। लोकपाल को लेकर अभी तक केंद्र सरकार सर्च कमेटी का गठन तक नहीं कर पाई है जिसके चलते 19 जुलाई की बैठक भी नहीं हो पाई। बैठक का बहिष्कार करते हुए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि जब तक सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल होने के नाते हमें पूर्ण रूप से सदस्य का दर्जा नहीं मिलता तब तक वे इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
मंगलवार को लोकपाल की नियुक्त को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट से इस मामले में खुद सर्च कमेटी बनाने और लोकपाल की नियुक्ति करने की अपील की। वहीं अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सर्चच कमेटी के लिए योग्य सदस्य की तलाश की जा रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने खासी नाराजगी जताई और केंद्र सरकार को नया हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पिछली सुनवाई में केंद्र को लोकपाल नियुक्ति के लिए नामों के चयन पर जल्द फैसला लेने की सलाह दी थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह लोकपाल की नियुक्ति के लिए नामों का चयन यथाशीघ्र करे। एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया था कि पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक 19 जुलाई को प्रस्तावित है। कोर्ट ने कहा कि अटार्नी जनरल की ओर से दी गयी जानकारी के बाद वह कोई आदेश पारित करना नहीं चाहेगा। हम उम्मीद करते हैं कि चयन समिति और सर्च कमेटी लोकपाल के नाम यथाशीघ्र तय करेगी।
19 जुलाई की प्रस्तावित बैठक का कांग्रेस ने बहिष्कार कर दिया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार को पत्र लिखकर साफ किया कि लोकपाल अधिनियम 2013 के अनुसार जब तक सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल होने के नाते हमें पूर्ण रूप से सदस्य का दर्जा नहीं मिलता तब तक वे इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
लोकपाल की नियुक्ति के लिए चयन समिति में अध्यक्ष के तौर पर प्रधानमंत्री, के साथ चीफ जस्टिस या उनके द्वारा नामित वयक्ति, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्षी दल के नेता और प्रसिद्ध न्यायविद समेत लोग शामिल हैं, लेकिन मौजूदा लोकसभा में विपक्ष का कोई नेता नहीं है क्योंकि इसके लिए कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। जिससे सबसे बड़े विपक्षी दल को सदस्य के रूप में शामिल किया जा सके। सरकार ने बैठक में कांग्रेस को स्पेशल गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया था जिस पर कांग्रेस ने विरोध जताया है।