Advertisement
13 December 2017

आधार पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कल करेगी सुनवाई

File Photo

सुप्रीम कोर्ट आधार को विभिन्न योजनाओं से अनिवार्य रूप से जोड़ने की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई करेगा।  

प्रधान न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए.एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि संविधान पीठ उन आवेदनों पर सुनवाई करने के लिए गुरुवार दोपहर दो बजे बैठेगी, जिनमें आधार को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के केंद्र के फैसले के खिलाफ अंतरिम राहत की मांग की गई है।

केंद्र ने सात दिसंबर को शीर्ष न्यायालय को बताया था कि विभिन्न सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं को आधार से अनिवार्य रूप से जोड़ने की समयसीमा को अगले साल 31 मार्च तक के लिए बढ़ाया जाएगा।

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर को कहा था कि वह विभिन्न योजनाओं को आधार से अनिवार्य रूप से जोड़ने के केंद्र के कदम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ के गठन पर विचार कर सकता है। उसने 30 अक्टूबर को कहा था कि संविधान पीठ नवंबर के आखिरी सप्ताह से आधार योजना के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगी।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा था कि संविधान के तहत निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। कई याचिकाकर्ताओं ने आधार की वैधता को चुनौती देते हुए दावा किया था कि यह निजता के अधिकारों का उल्लंघन करता है।

केंद्र ने 25 अक्तूबर को शीर्ष न्यायालय को बताया था कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य रूप से जोड़ने की समयसीमा उन लोगों के लिए 31 मार्च 2018 तक बढ़ा दी गई है जिनके पास 12 अंकों की विशिष्ट बायोमीट्रिक पहचान संख्या नहीं है और जो इसे बनवाने के इच्छुक हैं।

अटॉनी जनरल ने कोर्ट को बताया था कि उन लोगों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिन्होंने आधार कार्ड नहीं बनवाया, लेकिन वे इसे बनवाना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों को 31 मार्च तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से मना नहीं किया जाएगा।

सरकार ने कोर्ट में कहा था कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड है उन्हें इसे सिम कार्ड, बैंक खाते, पैन कार्ड और अन्य योजनाओं से जुड़वाना होगा। सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाकर्ताओं ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) संख्या को बैंक खातों और मोबाइल नंबर से जोड़ने को ‘गैरकानूनी तथा असंवैधानिक’ बताया है।

उन्होंने सीबीएसई के छात्रों के परीक्षाओं के लिए बैठने के वास्ते आधार को अनिवार्य बनाने के कथित कदम पर भी आपत्ति जताई है हालांकि केंद्र सरकार ने इसे खारिज किया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: SC, Constitution bench, pleas, Aadhaar, tomorrow
OUTLOOK 13 December, 2017
Advertisement