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02 April 2018

SC-ST एक्ट पर केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर त्वरित सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

File Photo

एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देश भर में अराजकता का माहौल जारी है। भारत बंद के तहत लोग तोड़-फोड़, हिंसा और आगजनी पर उतर आए हैं।

वहीं इस मामले पर केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। पीटीआई के मुताबिक, इस याचिका पर त्वरित सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।

अनुसूचित जाति और जनजाति के उत्पीड़न के मामलों में मुकदमा दर्ज होते ही गिरफ्तारी पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गतिरोध जारी है। अपनी पुनर्विचार याचिका में केंद्र ने कहा था कि तत्काल गिरफ्तारी न होने से कानून कमजोर होगा और अत्याचारी को बल मिलेगा। इस मामले में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मैं आपको बताना चाहता हूं कि आज हमने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के फैसले पर याचिका दायर की है। हमने एक व्यापक समीक्षा याचिका दायर की है जो सरकार के वरिष्ठ वकीलों द्वारा अदालत में पेश की जाएगी।'

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सरकार पर दबाव

पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए सरकार पर भाजपा ही नहीं बल्कि सहयोगी दलों का भी दबाव था। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल भी सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका के लिए राष्ट्रपति से मिल चुके हैं। पता चला है कि सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय पुनर्विचार याचिका में कह सकता है कि कोर्ट के ताजा आदेश से अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 के प्रावधान कमजोर होंगे। मंत्रालय इस आदेश से लोगों में कानून का भय कम होने की भी दलील दे सकता है। जिससे दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जबकि संविधान की मंशा समाज के कमजोर तबकों को भेदभाव और उत्पीड़न से बचाने और उनके संरक्षण की है।

पीएम ने दिया आश्वासन

पिछले हफ्ते सत्ता पक्ष के सांसद लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले से देश में अनुसूचित जाति/जनजाति पर उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ने की आशंका जताई थी। हाल के वर्षों में हुई घटनाओं के आंकड़े भी सामने रखे थे। प्रधानमंत्री ने इन नेताओं को मामले पर विचार का आश्वासन दिया था। इस बीच गहलोत ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर पुनर्विचार याचिका के संबंध में प्रक्रिया शुरू करने के बारे में पूछा था। केंद्रीय मंत्री ने आशंका जताई है कि ताजा आदेश के बाद अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित कानून का असर कम हो जाएगा।

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TAGS: SC, supreme court, sc-st, review plea
OUTLOOK 02 April, 2018
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