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09 March 2022

राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, 30 साल से जेल में था बंद

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन की जमानत बुधवार को मंजूर कर ली। राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बदुर में एक चुनावी रैली के दौरान महिला आत्मघाती विस्फोट के जरिए हत्या कर दी गई थी। आत्मघाती महिला की पहचान धनु के रूप में की गई थी।

जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बी. आर. गवई की पीठ ने उन दलीलों का संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया है कि दोषी पेरारिवलन 30 साल तक जेल में रहा है और उसका व्यवहार संतोषजनक रहा है, चाहे वह जेल के भीतर हो या पैरोल की अवधि के दौरान।

सुप्रीम कोर्ट ने 47-वर्षीय पेरारिवलन की उस याचिका पर सुनाई कर रही थी, जिसमें उसने एमडीएमए जांच पूरी होने तक उम्रकैद की सजा निलंबित करने का अनुरोध किया है।  धनु सहित 14 अन्य लोगों की मौत हो गयी थी। गांधी की हत्या देश में संभवत: पहली ऐसी घटना थी जिसमें किसी शीर्षस्थ नेता की हत्या के लिए आत्मघाती बम का इस्तेमाल किया गया था।

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कोर्ट ने मई 1999 के आदेश में चारों दोषियों- पेरारिवलन, मुरुगन, संथन और नलिनी- को मौत की सजा बरकरार रखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी 2014 को पेरारिवलन, संथन और मुरुगन के मृत्युदंड को कम करके उम्रकैद में तब्दील कर दी थी। न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा उनकी दया याचिकाओं के निपटारे में 11 साल की देरी के आधार पर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने का निर्णय लिया था।

पेरारिवलन फिलहाल पैरोल पर बाहर हैं। उसने पैरोल के तहत जमानत मांगी थी, पैरोल के दौरान पैरारिवलन को घर छोड़ने की अनुमति नहीं थी। राजीव गांधी हत्याकांड के बाद मात्र 19 साल की उम्र में पेरारिवलन को जेल जाना पड़ा था। फिलहाल उसकी उम्र 50 साल के पार हो चुकी है। स्वास्थ्य परेशानियां भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन के जेल में रहते हुए उसके अच्छे आचरण को आधार बनाते हुए जमानत दिया है।

राज्यपाल के समक्ष उनकी दया याचिका लंबित रहने के कारण, पेरारिवलन ने अपनी क्षमा याचिका पर जल्द फैसले के लिए 2016 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बाद में, सितंबर 2018 में, तमिलनाडु कैबिनेट ने हत्या की साजिश के सभी सात दोषियों को रिहा करने का फैसला किया। कोर्ट की टिप्पणी के बाद राज्यपाल ने पिछले साल जनवरी में मामले को राष्ट्रपति के पास भेजने का फैसला किया था। तब से, मामले को दो बार स्थगित किया गया और दिसंबर में सुनवाई के लिए आया। कोर्ट ने 7 दिसंबर को केंद्र को दया याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया था जो कि काफी लंबे समय से लंबित था।

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TAGS: Supreme Court, grants bail, convict A G Perarivalan, Rajiv Gandhi, assassination case
OUTLOOK 09 March, 2022
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