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10 August 2020

अवमानना केस में प्रशांत भूषण को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं स्वीकार की माफी

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वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के 11 साल पुराने मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान भूषण ने अपना स्पष्टीकरण पेश किया लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को कहा कि प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल के खिलाफ 2009 के आपराधिक अवमानना मामले में आगे सुनवाई की आवश्यकता है। 

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति बी आर गवई और कृष्ण मुरारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह मामले को सुनेगा और यह देखेगा कि न्यायाधीशों के बारे में भ्रष्टाचार पर टिप्पणी असल में अवमानना है या नहीं। पीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को तय की है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को आज यह तय करना था कि अवमानना मामले में वह वरिष्ठ वकील के स्पष्टीकरण को स्वीकार करे या इस कार्रवाई को आगे बढ़ाए।

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इससे पहले 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रशांत भूषण के खिलाफ 2009 के कंटेप्ट से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हमने स्पष्टीकरण और माफीनामा स्वीकार नहीं किया तो मामले की आगे सुनवाई की जाएगी।

बता दें कि प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल के खिलाफ 2009 में कंटेप्ट की कार्रवाई में नोटिस जारी किया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई और अदालत ने वकीलों से फोन के जरिए दलील सुन थी।

बता दें कि प्रशांत भूषण अदालत की एक और अवमानना मामले का सामना कर रहे हैं। उन्होंने मौजूदा चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की एक तस्वीर पर तीखी टिप्पणी की थी। उन्होंने ट्विटर पर चीफ जस्टिस के खिलाफ टिप्पणी की। साथ ही एक और ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा था कि देश के पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों पर निशना साधा था। दोनों पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को कंटेप्ट मामले में नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण ने अपने जवाब में कहा था कि चीफ जस्टिस की स्वस्थ आलोचना अवमानना नहीं है।

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OUTLOOK 10 August, 2020
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