सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद में सभी हस्तक्षेप याचिकाएं खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने आज राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में पक्षकार के रूप में हस्तक्षेप करने वाली सभी अंतरिम याचिकाओं को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीब की पीठ ने कहा कि आगे बहस के दौरान केवल असली पक्षकारों की बात ही सुनी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 23 मार्च तय की है।
इस भूमि विवाद मामले में अलग-अलग वकीलों और संगठनों की तरफ से 32 हस्तक्षेप याचिकाएं दाखिल की गईं थी। इनमें अपर्णा सेन और तीस्ता सीतलवाड़ की याचिकाएं भी शामिल हैं।
#Ayodhya matter:The Supreme Court dismissed as many as 32 intervention applications in the case including those of Aparna Sen, Shyam Benegal, and Teesta Setalvad
— ANI (@ANI) March 14, 2018
कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप के लिए भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी की अर्जी भी खारिज कर दी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी की उस रिट याचिका को निपटाने का आदेश दिया जिसमें उन्होंने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर में पूजा करने के अपने मौलिक अधिकार को लागू करने की मांग की थी। स्वामी ने कहा कि मैंने अपनी रिट याचिका में कहा है कि मुझे पूजा करने का मौलिक अधिकार है और यह संपत्ति के अधिकार से बड़ा है।
कोर्ट के बाहर समझौते की बात पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि वह किसी भी पक्ष को समझौता करने या नहीं करने के लिए नहीं कह सकती। अगर दोनों पक्ष के वकील खड़े होकर यह कहें कि उन्होंने समझौता कर लिया है तो हम इसे रिकॉर्ड करेंगे। हम किसी को न तो समझौते के लिए कह सकते हैं और न ही किसी कि नियुक्ति कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले वे ऐसा कैसे कर सकते हैं।
We can't ask any one to settle&we can't say no to settlement. If lawyers of both sides stand up&tell us they've settled the issue, we'll record it. We can't appoint or suggest anyone for settlement. How can we do this in a case like this: SC on out of court settlement #Ayodhya
— ANI (@ANI) March 14, 2018