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28 November 2017

दिल्ली का बॉस कौन, सुप्रीम कोर्ट करेगा तय

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दिल्ली का बॉस कौन? इस मुद्दे  पर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ अभी सुनवाई कर रही है। आप सरकार लगातार अधिकारों को लेकर अदालत में अपनी दलीलें देती रही है कि चुनी हुई सरकार को पूरे अधिकार होने के बावजूद अफसर उसकी बात नहीं सुनते। साफ किया जाए कि दिल्ली में शक्तियां उपराज्यपाल के पास हैं या दिल्ली सरकार पर।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में में अपील दायर की है। इससे पहले हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि दिल्ली के बॉस उपराज्यपाल ही हैं। अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही है। पिछली 21 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है और आम आदमी पार्टी की सरकार राज्य सरकार के अधिकार नहीं रखती। इससे पहले दो नवंबर को पांच सदस्यीय पीठ ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली सरकार के फैसलों पर एलजी की मंजूरी जरूरी है।

दिल्ली सरकार के वकील गोपाल सुब्रम्यणम ने कहा था कि दिल्ली सरकार के पास सीमित शक्तियां हैं, उसे और शक्तियां दी जानी चाहिए। खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, ए एम खानवीकर,डी वाई चंद्रचूढ और अशोक भूषण शामिल हैं। मालूम हो कि दिल्ली सरकार और एलजी के बीच शक्तियों को लेकर अक्सर टकराव की स्थिति रही है। दिल्ली सरकार को संविधान के अनुच्छेद 239एए के तहत केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त है। देश की राजधानी होने के चलते एलजी ही शासन के मुखिया माने जाते हैं। 

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TAGS: delhi govr, challenge, LG, दिल्ली सरकार, सुप्रीम कोर्ट, एलजी
OUTLOOK 28 November, 2017
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