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18 February 2020

विजय माल्या की संपत्ति को जब्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट होली के बाद करेगा सुनवाई

File Photo

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की याचिका को थोड़े समय तक टाल दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट मार्च में होली के बाद सुनवाई करेगा। यह याचिका माल्या ने भारत में अपनी संपत्ति जब्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शुरू की गई कार्यवाही के खिलाफ डाली थी। बता दें कि लगभग छह महीने पहले अपने और अपने रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों को जब्त करने पर रोक लगाने की मांग करते हुए विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले उन्होंने बांबे हाईकोर्ट में अपील की थी जो की खारिज हो गई थी।

अपनी दलील में माल्या ने क्या कहा

अपनी दलील में माल्या ने कहा था कि वह केवल उन अनियमितताओं का अटैचमेंट चाहते थे जो किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित हैं। बता दें कि पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने जनवरी 2019 में माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किया था। माल्या पर बैंकों के 9000 करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है। वह मार्च 2016 में ही लंदन भाग गया था।

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हाथ जोड़कर कहा- दे दूंगा पूरा मूल धन

हाल ही में माल्या ने कहा था कि वह भारतीय बैंकों का पूरा बकाया मूल धन वापस करने के लिए तैयार है। प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ लंदन हाई कोर्ट में अपील पर तीन दिन की बहस पूरी होने के बाद माल्या ने यह बात कही थी। अब माल्या पर कभी भी फैसला आ सकता है।

एक ही धनराशि की वसूली के लिए अलग-अलग मुकदमा दर्ज

लंदन हाई कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए माल्या ने कहा था कि भारतीय बैंकों से हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि वह उनका पूरा मूल धन चुकाने के लिए तैयार हैं। कहा, भारत में सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक ही धनराशि की वसूली के लिए अलग-अलग मुकदमा दर्ज किए हुए हैं। प्रक्रिया में उसके साथ उचित व्यवहार नहीं हो रहा। बीते चार साल से उसके साथ सरकारी एजेंसियां अनुचित व्यवहार कर रही हैं।

भारत सरकार की ओर से पेश हो रही राजशाही अभियोजन सेवा (सीपीए) माल्या के वकील के उस दावे का खंडन करने के लिए सबूतों को हाई कोर्ट लेकर गई है, जिसमें कहा गया था कि मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बुथनॉट ने यह गलत पाया कि माल्या के खिलाफ भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन का मामला बनता है।

दो न्यायाधीशों की पीठ कर रही मामले की सुनवाई

सीपीए के वकील मार्क समर्स ने गुरुवार (13 फरवरी) को बहस शुरू करते हुए कहा था, 'उन्होंने (किंगफिशर एयरलाइन ने बैंकों को) लाभ की जानबूझकर गलत जानकारी दी थी।' लार्ड जस्टिस स्टेफन ईरविन और जस्टिस इलिसाबेथ लाइंग ने कहा कि वे 'बहुत जटिल मामले पर विचार करने के बाद किसी और तारीख को फैसला देंगे।' दो न्यायाधीशों की यह पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

माल्या प्रत्यर्पण वारंट को लेकर जमानत पर है। उसके लिए यह जरूरी नहीं है कि वह सुनवाई में हिस्सा ले, लेकिन वह अदालत आया। वह मंगलवार (11 फरवरी) से ही सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए आ रहा, जब अपील पर सुनवाई शुरू हुई थी। बचाव पक्ष ने इस बात को खारिज किया है कि माल्या पर धोखाधड़ी और धन शोधन का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। बचाव पक्ष का जोर इस बात पर रहा कि किंगरफिशर एयरलाइन आर्थिक दुर्भाग्य का शिकार हुई है, जैसे अन्य भारतीय एयरलाइनें हुई हैं।

माल्या पर भारतीय बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया

माल्या पर भारतीय बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। इस कर्ज को चुकाने से बचने के लिए माल्या लंदन में रह रहा है। जबकि भारतीय एजेंसियां उसे भारत में लाकर मुकदमा चलाना चाहती हैं और उस पर बैंकों का बकाया वसूल करना चाहती हैं।

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TAGS: SC, hear plea, filed by Mallya, against ED's proceedings, seize, assets in India
OUTLOOK 18 February, 2020
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