जज लोया केस: SIT जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 5 मार्च को
स्पेशल सीबीआई जज बी एच लोया के मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि मामले पर अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
इस मामले में जज लोया की मौत को संदिग्ध बताते हुए एसआइटी जांच की मांग की गई है। इससे संबंधित तीन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताते हुए महाराष्ट्र सरकार से पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपने को कहा था। जज लोया की 2014 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह एक सहयोगी जज की बेटी की शादी में शामिल होने जस्टिस बृजगोपाल हरकिशन लोया मुंबई से नागपुर गए थे। वहां वे रवि भवन में रुके। 1 दिसंबर की सुबह उनके परिवार को जानकारी दी गई कि हर्ट अटैक के कारण जस्टिस लोया की मौत हो गई।
याचिकाकर्ताओं में महाराष्ट्र के पत्रकार बी एस लोने और सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला शामिल हैं, जिन्होंने जस्टिस लोया मौत मामले में निष्पक्ष जांच के लिए याचिकाएं दायर की हैं। जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। गत 12 जनवरी को हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस मदन बी लोकुर, कुरियन जोसेफ, रंजन गोगोई व जस्टिस चेल्मेश्वर ने चीफ जस्टिस पर सवाल उठाया था।
पिछली सुनवाई में तहसीन पूनावाला के वकील ने कहा था कि जज लोया के शव को मुंबई के बजाए दूसरी जगह क्यों ले जाया गया, जबकि उनका परिवार मुंबई में था। किसी भी डॉक्टर या सबूतों की जांच नहीं की गई और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हैं। इस मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए, ताकि वास्तविकता का पता चल सके।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जस्टिस लोया की मौत सुबह के 6.15 पर हुई। सुबह में चार बजे उनकी छाती में दर्द हुआ जिसके बाद उन्हें दो अस्पतालों में ले जाया गया फिर भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हर्ट अटैक बताया गया।