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20 July 2023

केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ "आप" की लड़ाई, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पांच जजों की पीठ को सौंपी

उच्चतम न्यायालय ने शहरी प्रशासन से सेवाओं का नियंत्रण छीनने वाले केंद्र के हालिया अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर फैसले के लिए उसे गुरुवार को एक संविधान पीठ के पास भेज दिया। बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार शुरू से ही इस अध्यादेश के खिलाफ आवाज़ बुलंद करती आई है।

दरअसल, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि मामले को बड़ी पीठ को सौंपने का विस्तृत आदेश आज दिन में शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।

बता दें कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, अभिषेक सिंघवी की संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, ''हम इसे संविधान पीठ को भेजेंगे।'' दूसरी तरफ, केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए।

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शीर्ष अदालत ने हाल ही में दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए याचिका पर केंद्र और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था। केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लागू किया था, जिससे केंद्र और अरविंद केजरीवाल सरकार के बीच तनातनी शुरू हुई।

आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने भूमि, सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस के क्षेत्रों को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण शहर की सरकार को सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को "धोखा" करार दिया और एक नई याचिका के साथ शीर्ष अदालत का रुख किया। यह अध्यादेश दानिक्स कैडर के समूह-ए के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और स्थानांतरण के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करना चाहता है।

इस अध्यादेश के जरिए केंद्र ने स्थानांतरण और तैनाती के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए। साथ ही केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी, जो दिल्ली में स्थानांतरण-तैनाती और विजिलेंस का काम करेगी। केंद्र द्वारा लाया गया अध्यादेश तीन सदस्यों के साथ एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के निर्माण का आह्वान करता है। मुख्यमंत्री को अध्यक्ष, मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव को सदस्य बनाया जाएगा।

इसी अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने विपक्षी दलों से समर्थन की भी मांग की। आप की इस लड़ाई के समर्थन में अपने देशव्यापी दौरे के तहत मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कई शीर्ष नेताओं से बातचीत कर उनका समर्थन मांगा था।

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TAGS: Supreme Court, refer to constitution bench, Delhi government's plea, Centre's ordinance, services matter.
OUTLOOK 20 July, 2023
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