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22 October 2019

सोशल मीडिया दुरुपयोग पर नियम बनाने के लिए केंद्र ने मांगा तीन महीने का अतिरिक्त समय

File Photo

 केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्रोफाइल के दुरुपयोग को रोकने के नियमों को अंतिम रूप देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से तीन महीने का और समय मांगा है। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘कोई भी मध्यस्थ यह नहीं कह सकता है कि निजता की आड़ में आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा, फेक न्यूज, अपमानजनक पोस्ट और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को विनियमित करने के लिए नए नियम 15 जनवरी 2020 तक बना लिए जाएंगे।‘

बीते सोमवार को शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में, केंद्र के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने कहा कि एक तरफ जहां टेक्नोलॉजी ने आर्थिक और सामाजिक विकास को गति दी है, वहीं दूसरी ओर इसकी वजह से घृणा फैलाने वाले भाषणों, फेक न्यूज, राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां, मानहानि संबंधी पोस्ट और इंटरनेट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के मामलों में वृद्धि हुई है। हलफनामे में यह भी उल्लेख किया गया है कि इंटरनेट ‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में व्यवधान पैदा करने के एक शक्तिशाली उपकरण’ के रूप में उभरा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामले किए अपने पास ट्रांसफर

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सुप्रीम कोर्ट ने देश के विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित सोशल मीडिया खातों को आधार नंबर से जोड़ने संबंधी सभी मामलों को सोमवार को अपने पास ट्रांसफर किया। इन मामलों पर कोर्ट में जनवरी 2020 के अंतिम सप्ताह में सुनवाई होगी। इससे पहले फेसबुक ने तीन हाईकोर्ट में सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से लिंक करने से संबंधित मामलों को शीर्ष अदालत में ट्रांसफर करने की अपील की थी। इस बीच केंद्र ने कोर्ट से कहा कि सरकार नागरिकों की गोपनीयता को भंग करने लिए नहीं है लेकिन गोपनीयता को राष्ट्रीय हित और संप्रभुता के साथ संतुलित होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने यह देखने का फैसला किया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक, ट्विटर) द्वारा स्टेट को नागरिकों के बीच की बातचीत मुहैया कराना चाहिए या नहीं।

पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया खातों को आधार नंबर से जोड़ने की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। इस याचिका में ‘फेक' और ‘पेड' खबरों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार को इस बारे में निर्देश देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा था, ‘हर मामला सुप्रीम कोर्ट तक लाने की जरूरत नहीं है।‘

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TAGS: SC, linkage of social media profiles, Aadhaar, high courts
OUTLOOK 22 October, 2019
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