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22 November 2018

सीलिंग विवाद मामले में मनोज तिवारी को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बीजेपी चाहे तो करे कार्रवाई

File Photo

दिल्ली के पूर्वी इलाके में एक परिसर की सील तोड़ने के आरोप में अवमानना की कार्यवाही झेल रहे भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मनोज तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करने से इंकार किया है।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उसे मनोज तिवारी द्वारा किसी तरह की अदालत की अवमानना किए जाने का मामला नहीं दिख रहा है।

बीजेपी पर छोड़ा फैसला

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अदालत ने मनोज तिवारी के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला बीजेपी पर छोड़ते हुए कहा कि, इसमें कोई शक नहीं है कि भाजपा ने कानून को अपने हाथ में लिया है। हम मनोज तिवारी के रवैये से बहुत आहत हैं। एक चुने हुए प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें जिम्मेदारी से काम करना चाहिए था न कि कानून को अपने हाथ में लेकर।

कानून हाथ में लेने के मनोज तिवारी के बर्ताव से कोर्ट आहत

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई खत्म की, परिसरों पर लगी नगर निकाय की सील मनोज तिवारी द्वारा तोड़े जाने की निंदा भी की। कोर्ट ने कहा कि मनोज तिवारी ने अदालत से अधिकार प्राप्त समिति पर बहुत ओछे आरोप लगाए, यह दिखाता है कि वह कितना नीचे गिर सकते हैं। सीलिंग के मामले में कोर्ट ने कहा कि कानून हाथ में लेने के मनोज तिवारी के बर्ताव से वह बहुत आहत हैं।

30 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था

गौरतलब है कि कोर्ट ने इस मामले में दलीलें सुनने के बाद 30 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ को यह तय करना था कि तिवारी कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं या नहीं।

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TAGS: Sealing case, Supreme Court, contempt proceedings, Manoj Tiwari
OUTLOOK 22 November, 2018
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