हत्या के एक और मामले में भी रामपाल को आजीवन कारावास
हत्या के एक और मामले में दोषी करार दिए गए रामपाल और अन्य आरोपियों को हिसार की कोर्ट ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आजीवन कारावास के अलावा रामपाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सुनवाई के लिए जेल परिसर में ही विशेष अदालत लगाई गई थी, जहां जज ने सजा का ऐलान किया।
इससे पहले मंगलवार को इसी अदालत ने रामपाल सहित 15 लोगों को हत्या के एक मामले में आजीवन करावास की सजा सुनाई थी। रामपाल की सजा को लेकर प्रशासन पूरी तरस से मुस्तैद है। रामपाल के समर्थक किसी तरह का हुड़दंग न मचाए इसके लिए हिसार में धारा 144 लगा दी गई है।
प्राथमिकी संख्या 430 के तहत दर्ज मामले में सजा सुनाई गई है
रामपाल के खिलाफ प्राथमिकी संख्या 430 के तहत दर्ज मामले में सजा सुनाई गई है। रामपाल के आश्रम से एक महिला शव मिलने का बाद मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में रामपाल समेत 13 अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह सभी 11 अक्टूबर को ही दोषी करार दिए जा चुके हैं।
मंगलवार को रामपाल को इन दो मामले में सुनाई गई सजा
जिन मामलों में रामपाल को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला केस महिला भक्त की संदिग्ध मौत का है, जिसकी लाश उनके सतलोक आश्रम से 18 नवंबर 2014 को बरामद की गई थी।
जबकि दूसरा मामला उस हिंसा से जुड़ा है जिसमें रामपाल के भक्त पुलिस के साथ भिड़ गए थे। इस दौरान करीब 10 दिन चली हिंसा में 4 महिलाएं और 1 बच्चे की मौत हो गई थी। 67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे। रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ बरवाला पुलिस थाने में 19 नवम्बर, 2014 को दो मामले दर्ज किए गए थे।
यूपी के इस शख्स ने दर्ज की थी शिकायत
मामला उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के जखोरा गांव निवासी सुरेश की शिकायत पर दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया था कि हरियाणा के हिसार स्थित बरवाला गांव स्थित रामपाल के आश्रम में उनकी पत्नियों को स्वयंभू बाबा और उनके अनुयायियों ने बंदी बना रखा था और वहीं उनकी हत्या कर दी गई थी।
इन दो मामलों में कोर्ट ने रामपाल को कर दिया था बरी
इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था।
इन मामलों का भी सामना कर रहा है रामपाल
रामपाल इसके अलावा हत्या की साजिश रचने, देशद्रोह व दंगा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहा है। वह और उसके करीबी सहयोगियों व निजी सेना ने नवंबर 2014 में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उसे गिरफ्तार करने की आज्ञा के बावजूद पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था। रामपाल के बच निकलने के प्रयास के क्रम में पांच महिलाओं व एक शिशु की मौत हो गई थी।