CJI की 'अपमानजनक' टिप्पणी से नाराज वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने छोड़ी प्रैक्टिस
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने प्रैक्टिस छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने इस संबंध में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को लेटर लिखकर अवगत कराया है। अपने लेटर में धवन ने गंभीर आरोप लगाया है।
चीफ जस्टिस को लिखे लेटर में वकील राजीव धवन ने कहा कि दिल्ली बनाम केंद्र सरकार केस के दौरान अपमान के बाद मैंने कोर्ट प्रैक्टिस छोड़ने का फैसला लिया है।
After decades of a robust practice, Sr Advocate Rajeev Dhavan decides to retire on a sour note following the “humiliating end” to the Delhi statehood case, through this letter @Outlookindia pic.twitter.com/plMMuW030g
— Ushinor Majumdar (@_Ushinor) December 11, 2017
दरअसल, 5 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मुद्दे पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान वहां कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे सहित अनेक वरिष्ठ वकील मौजूद थे। ये वकील केस की सुनवाई जुलाई 2019 तक टालने का अनुरोध करते हुए ऊंची आवाज में दलीलें पेश कर रहे थे। राजीव धवन ने तो वॉकआउट तक की धमकी दे डाली थी।
इसके बाद दिल्ली बनाम केंद्र सरकार केस की सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस से राजीव धवन की तीखी बहस हुई। धवन का कहना है कि इस केस की सुनवाई के दौरान उन्हें अपमानित किया गया, जिससे खफा होकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की प्रैक्टिस छोड़ने का निर्णय किया।
कोर्ट ने कहा था कि अदालत में सुनवाई के दौरान धौंस जमाने और ऊंची आवाज में बोलने वाले वकीलों के आचरण को शर्मनाक बताया था। साथ ही कहा था कि इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।