शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को दिया निर्देश, कश्मीर की तरह जम्मू संभाग में भी शून्य-आतंकवाद योजनाओं को करें लागू
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे सफलता प्राप्त करने के लिए कश्मीर की तरह जम्मू संभाग में भी क्षेत्र वर्चस्व और शून्य-आतंकवाद योजनाओं को लागू करें। उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार नए तरीकों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों पर नकेल कस कर एक मिसाल कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक में गृह मंत्री ने अधिकारियों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शाह ने एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे कश्मीर घाटी में क्षेत्र वर्चस्व योजना और शून्य-आतंकवाद योजना के माध्यम से प्राप्त सफलताओं को जम्मू संभाग में भी दोहराएं।
उन्होंने बाद की बैठक में 29 जून से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जहां सुरक्षा बलों द्वारा आने वाले दिनों में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार चलाए जाएंगे। शाह ने यहां नॉर्थ ब्लॉक में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इससे तीन दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसी तरह की बैठक की थी जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमले सहित कई आतंकवादी घटनाओं के बाद "आतंकवाद रोधी क्षमताओं की पूरी श्रृंखला" तैनात करें।
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख के पद पर मनोनीत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए।