Advertisement
22 February 2020

चौथे दिन भी शाहीन बाग का नहीं निकला नतीजा, वार्ताकार से बोले प्रदर्शनकारी- सुरक्षा की गारंटी दे सुप्रीम कोर्ट

ANI

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त दो वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन में से एक साधना रामचंद्रन ने लगातार चौथे दिन शाहीन बाग पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। शुक्रवार को हुई बातचीत में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने वार्ताकारों से कहा था कि जब इलाके में आसपास की कई सड़कें खुली हैं, जो दिल्ली और नोएडा को जोड़ती है, तो फिर उन्हें दूसरी जगह जाने के लिए क्यों कहा जा रहा हैं। साथ ही इन लोगों ने कहा कि प्रदर्शन के साथ-साथ इस सड़क को खोला जाता है तो सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आदेश पारित करना चाहिए।

लगातार चार दिन हुई वार्ता में कोई निष्कर्ष अब तक नहीं निकला। वहीं, वार्ताकारों ने गुरुवार को कहा था कि 10 से 15 प्रदर्शनकारियों से एक समूह में बातचीत की जाएगी। 

बता दें, गुरुवार की बातचीत के बाद वार्ताकारों ने एक वीडियो जारी कर पूरे घटनाक्रम का ब्योरा सामने रखा था। पूरी बातचीत में दोनों वार्ताकारों ने आंदोलनकारियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की और सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा रखने की नसीहत भी दी।

Advertisement

'संविधान में हम सबका हक है'

अब तक की हुई बातचीत में पिछले दिनों वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से सवाल पूछते हुए कहा कि आप मानते हैं कि हम सब नागरिक हैं और क्या आप मानते हैं कि संविधान में हम सबका हक है। हल भी हम सबको मिलकर निकालना चाहिए। क्या यह रास्ता खुलना नहीं चाहिए। आपकी आवाज भी बुलंद और बरकरार रहनी चाहिए। एक छोटा सा हल हमें निकालना है कि रोड भी खुल जाए और लोग इस्तेमाल करें। उसके बाद प्रदर्शनकारियों की तरफ से जोरदार ‘ना’ की आवाज आते हुए बोला गया कि रोड तो तब तक नहीं खुलेगी जब तक सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर सरकार पीछे नहीं हटती है।

शाहीन बाग में चली थी गोली

गौरतलब है कि बीती एक फरवरी को शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के दौरान एक शख्स ने गोली चलाई थी जिसके बाद पकड़े गए शख्स ने कहा था कि इस देश में सिर्फ हिंदुओं की चलेगी। फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर जांच जारी है। यह वारदात होने के बाद सभी प्रदर्शनकारी सकते में आ गए थे। पुलिस ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई थी।

बुर्का में पकड़ी गई थी एक महिला

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीती 5 फरवरी को गैर मुस्लिम महिला को बुर्का में पकड़ा गया था जिसके बाद प्रदर्शन स्थल पर हड़कंप मच गया था। पकड़ी गई महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर पुछताछ की, जिसमें पता चला कि वह एक यूट्यूब वीडियो बनाने के सिलसिले में शाहीन बाग आई थी। आरोपी महिला ने पुलिस को बताया था कि वह महिला प्रदर्शनकारियों के बीच आराम से बातचीत कर सके इसलिए उसने बुर्के पहने थे।

जामिया में भी चल चुकी है गोली

शाहीन बाग और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बहुत कम फासला है। विश्वविद्यालय के बाहर भी छात्र सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते 30 जनवरी को जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की तरफ से महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जामिया से राजघाट के लिए मार्च निकाला गया था, जिसे दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय के पास होली फैमली अस्पताल के पास रोक दिया था। इसी दौरान पुलिस की मौजूदगी में ग्रेटर नोएडा के एक शख्स ने गोली चलाई थी जिसमें जामिया के एक छात्र के हाथ में गोली लगी थी।

बता दें, पिछले साल 15 दिसंबर को भी प्रदर्शन के दौरान कैंपस में हिंसा हुई थी जिसमें करीब 150 छात्र घायल हो गए थे।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था

बता दें कि सोमवार को शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करना लोगों का मौलिक अधिकार है लेकिन सड़क को ब्लॉक किया जाना चिंता का विषय है और अवश्य ही संतुलन बनाए जाने की जरूरत है। यही तरीका अगर अन्य समूह भी अपनाएंगे तो अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी।

कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात करने और उन्हें वैकल्पिक स्थल पर जाने के ‌लिए मनाने को कहा, जहां कोई सार्वजनिक स्थल ब्लॉक न हो।

दो महीनों से जारी है प्रदर्शन

बता दें कि पिछले करीब दो महीनों से ज्यादा समय से सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन हो रहा है। सीएए-एनआरसी के विरोध में सैंकड़ों लोग शाहीन बाग में शाहीन बाग-कालिंदी कुंज रोड पर प्रदर्शन कर रहें हैं जिसमें बच्चे, महिलाएं और स्टूडेंट्स शामिल हैं।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Shaheen Bagh, protesters said, interlocutors, supreme court, order on our security
OUTLOOK 22 February, 2020
Advertisement