शिवसेना ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया, कहा- शिंदे गुट की किसी मांग पर कोई भी फैसला लेने के पहले हमारी बात भी सुनें
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की जंग अब सुप्रीम कोर्ट के अलावा चुनाव आयोग पहुंच गई है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। उऩ्होंने कैविएट दायर कर कहा है कि पार्टी के चुनाव चिह्न पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट द्वारा की गई किसी भी मांग पर विचार करने से पहले उन्हें सुना जाए।।
कैविएट में कहा गया है अगर एकनाथ शिंदे उनके पास शिवसेना के चुनाव चिन्ह की मांग को लेकर आते हैं तो कोई भी फैसला लेने के पहले हमारी भी बात को सुना जाए। हमें अनसुना रखते हुए कोई भी फैसला न करें।
शिवसेना नेता अनिल देसाई ने हाल ही में चुनाव आयोग को दिए एक पत्र में पार्टी के चुनाव चिन्ह - धनुष और तीर के दावों के मामले में शिवसेना को सुनवाई देने का आग्रह किया है। चुनाव आयोग के एक पदाधिकारी ने कहा, "यह एक तरह की चेतावनी है।"
कुछ दिनों पहले एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से यह दावा किया गया था कि उनके पास दो तिहाई बहुमत है। विधायक और सांसद का समर्थन उनके साथ है तो फिर असली शिवसेना भी वही हैं। शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर भी उनका ही हक है। वहीं, शिवसेना के संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में तुरंत बेंच का गठन नहीं किया जा सकता है। साथ ही पार्टी के बागी 16 विधायकों के निलंबन पर अभी स्पीकर के फैसला लेने पर रोक लगा दी गई है। फ़िलहाल बागियों के मामले में आज सुनवाई नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह समय लेने वाला मामला है।