शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने का मामला: राउत ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की और प्रतिमा के निर्माण में घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि औरंगजेब और मुगलों ने भी शिवाजी महाराज का इस तरह अपमान नहीं किया था।
सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा सम्राट की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को अपराह्न करीब एक बजे गिर गई। पिछले साल चार दिसंबर को नौसेना दिवस पर इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।
राउत ने संवाददाताओं बातचीत में मराठा साम्राज्य के संस्थापक की प्रतिमा के गिरने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि इसे राजनीतिक उद्देश्य से स्थापित किया गया था।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए, हम मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री रवींद्र चव्हाण से विभाग वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने शिवाजी महाराज को भी नहीं बख्शा और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे।’’ उन्होंने कहा कि प्रतिमा बनाने का ठेका मुख्यमंत्री के करीबी लोगों को दिया गया। राउत ने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
मुख्यमंत्री शिंदे के इस बयान का जिक्र करते हुए कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण प्रतिमा गिरी, राउत ने कहा कि तटीय क्षेत्रों पर हवा तेज ही चलती है।
राउत ने कहा कि समाज सुधारक लोकमान्य तिलक की प्रतिमा मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर 1933 में स्थापित की गई थी, लेकिन यह अभी भी खड़ी है। उन्होंने कहा कि 1956 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने प्रतापगढ़ किले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की थी और वह अभी भी यथावत स्थिति में है।
शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में सिंधुदुर्ग जिले की पुलिस ने ठेकेदार और ‘स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट’ के खिलाफ मामला दर्ज किया है।