श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने जारी किया संशोधित लोगो, सुधारने की उठी थी मांग
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का संशोधित लोगो जारी कर दिया गया है। एक दिन पहले ही जारी हुए लोगो पर सवाल उठने के बाद ट्रस्ट ने इसमें संशोधन कर दिया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया “कल लोगो का जो चित्र प्रचारित हुआ उसमें संस्कृत व्याकरण के अनुसार एक अक्षर के नीचे “हलन्त “ लगना था। वह भूल थी। उसे सुधार कर फिर से नया लोगो जारी कर दिया गया।”
दरअसल स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ट्रस्ट की ओर से जारी लोगो पर ऐतराज जाहिर करते हुए कहा था कि लोगो के टैगलाइन में 'रामजी को अधर्म का साक्षात् विग्रह' बताया गया है। उन्होंने कहा कि यह कैसा समय है। खुलेआम अधर्म की पैरोकारी की जा रही है। बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य हैं और राम जन्मभूमि के लिए सरकार की ओर से नया ट्रस्ट बनाए जाने का विरोध करते हुए राम जन्मभूमि रामालय ट्र्स्ट को मंदिर निर्माण का काम सौंपने की बात कही थी।
अविमुक्तेश्वरानंद ने एक बार फिर सवाल उठाते हुए याद दिलाया है, “इसीलिए कहा था कि पूज्य धर्माचार्यों के रामालय ट्रस्ट को मौका दो पर जिसे अधर्म करना हो उसे शंकराचार्य, धर्माचार्य कैसे पसन्द आयेंगे?” उन्होंने कहा कि तथाकथित संघियों की ओर से जारी लोगो में रामजी को अधर्म बताया जा रहा है। यह अत्यन्त आपत्तिजनक है। उन्होंने तत्काल लोगो को वापस लेने की मांग करते हुए ट्रस्टी और सरकार से माफी मांगने को भी कहा। उन्होंने कहा कि इसे सुधार कर फिर से जारी किया जाए।
जताई थी आपत्ति
उन्होंने कहा, राम साक्षात् धर्म हैं अधर्म नहीं। लोगो के बीच में लिखे गए वाक्य में रामो विग्रहवान धर्मः लिखा है जो कि संस्कृत भाषा में है। जिसका संस्कृत भाषा में विग्रह करने पर रामः विग्रहवान् अधर्मः ऐसा विग्रह होता है, जो कि अत्यन्त आपत्तिजनक ही नहीं अपितु निन्दित कर्म है। उन्होंने कहा कि विग्रहवान के न में अ है जो नहीं होना चाहिए। सही लिखा जायेगा विग्रहवान् न में से अ को निकालकर। अगर अ को बिना निकाले पूरा 'न' लिखेंगे तो न से अ निकलकर धर्मः के साथ जुड़कर अधर्मः पढ़ा जाएगा।