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07 October 2016

सचिन को ब्रांड एम्बेसेडर बनाये जाने पर सिसोदिया ने केंद्र की आलोचना की

गूगल

भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन में सिसोदिया ने कहा, जब हम कौशल की बात करते हैं,  सबसे बड़ी समस्या यह है कि शिक्षित वर्ग ने इसकी परिभाषा यह मान ली है कि कौशल का मतलब बढ़ई,  कौशल का मतलब वेल्डिंग करना है। दिलचस्प बात यह है कि कौशल भारत के लिये सचिन तेंदुलकर जैसे का ब्रांड एम्बेसेडर के रूप में उपयोग कर हमने किस प्रकार का विज्ञापन बनाया, हम किस प्रकार के कौशल को बढ़ावा दे रहे हैं? हम बढ़ईगिरी जैसे कौशल को बढ़ावा दे रहे हैं।

इस मुद्दे पर एक समग्र रूख का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, मैं कोई चीज नहीं मांग रहा लेकिन अगर हमें कौशल भारत के भविष्य के बारे में सोचना है, अगर हमें 10वीं और 12वीं कक्षा पास करने वाले प्रत्येक छात्र को कुशल बनाना है, हम इस देश में प्रत्येक माता-पिता से नहीं कह सकते कि अपने बेटे या बेटी को बढ़ई या वेल्डिंग करने वाला बनाइये।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने इस साल अप्रैल में कौशल भारत अभियान के तहत 2022 तक 40.2 करोड़ युवाओं को कुशल बनाने के लिये तेंदुलकर को इस योजना से जोड़ा है। इस बारे में विस्तार से बताते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में एक विस्तृत नजरिये की जरूरत है। कौशल विकास में होटल, खुदरा या ई-वाणिज्य क्षेत्र के बढ़ते दायरे को देखते हुए डिलीवरी सेवाओं जैसी व्यापक चीजों को शामिल किया जाए। मनीष सिसोदिया ने कहा, हमारा दृष्टिकोण साफ होना चाहिए। फिलहाल एक देश, एक समाज के रूप में मुझे नहीं लगता कि कौशल के बारे में हमारा दृष्टिकोण साफ है। इसके कारण हम कभी-कभी इसे आईटीआई, कभी पालीटेक्नीक, कभी सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम कहते हैं। हम इसे संपूर्ण रूप से कौशल नहीं कहते। हमने इस बारे में कभी भी समग्र रूप से नहीं सोचा और यहां हम अटक गये। उन्होंने कहा कि गाड़ी चालक, सुरक्षा गार्ड,  खुदरा दुकानों में सेल्सपर्सन जैसे छोटे पहलुओं पर भी समान रूप से जोर दिया जाना चाहिए।

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इसी प्रकार का विचार देते हुए लिंक्ड इन कारपोरेशन इंडिया के प्रबंध निदेशक अक्षय कोठारी ने कहा, हालांकि कौशल भारत सही दिशा में उठाया गया कदम है। लेकिन अगर आप कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं से पूछे तो उनमें से अधिकतर को अवसर प्राप्त करने में समस्या आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कैसे बड़ी संख्या में छात्रों ने कालेज की डिग्री लेने के लिये अपने परिवार के पैसे को खर्च किया और अब रोजगार पाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। कोठारी ने कहा, देश में हर साल 80 लाख छात्र कालेज से स्नातक की डिग्री ले रहे हैं और अध्ययनों से पता चलता है कि उनमें से आधे से अधिक रोजगार के काबिल नहीं हैं।

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TAGS: Centre, Sachin Tendulkar, brand ambassador, Skill India, मनीष सिसोदिया, सचिन तेंदुलकर
OUTLOOK 07 October, 2016
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