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01 December 2021

सोलर चरखा का इस्तेमाल कर महिलाएं कमा रही 4 गुना ज्यादा पैसा, जानें- ‘ग्रीनवियर’ ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे दे रहा रोजगार

File Photo

इस दौर में भी यदि कोई महिला या कारीगर 8 घण्टे चरखा चलाकर इतनी ही खादी बुन पाए, जिससे कमाई सिर्फ 50 रूपए हो तो फिर कैसे संभव है कि वो अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें? इन्हीं कठिनाइओं को देखते हुए और नई तकनीक का इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के अभिषेक पाठक ने एक नया स्टार्ट-अप शुरु किया है। जिसके जरिए वो ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। ‘ग्रीनवियर’ के सीईओ और फाउंडर अभिषेक के मुताबिक सोलर चरखा का उपयोग कर ये महिलाएं 4 गुणा ज्यादा पैसा कमा सकती है।

अभिषेक बताते हैं कि एक महिला आसानी से एक समय में दो मशीनें चला सकती है और 12,000 रुपए तक कमा सकती है। उत्तर भारत में विभिन्न टेक्सटाईल क्लस्टर्स- गया, भागलपुर, वाराणसी, बिजनौर जैसे शहरों में ये कंपनी नई तकनीक के जरिए ग्रामीण महिलाओं को इसका फायदा दे रही है। 500 के करीब महिलाएं कंपनी के साथ काम कर रही हैं। दरअसल, यदि पावर लूम चलाने वाले बुनकर भी सोलर पावर का इस्तेमाल करते हैं तो फिर इसके प्रोडक्शन की क्षमता बढ़ जाती है। खास बात ये है कि बने खादी के कपड़ों की बिक्री कंपनी द्वारा विभिन्न फैशन ब्राण्ड्स और खुदरा बाजार के जरिए किया जाता है।

23 साल की राबिया बानो कोरोना महामारी से लखनऊ के एक अस्पताल में नर्स का काम करती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उन्हें ये नौकरी छोड़नी पड़ी। अब वो अपने जिले के ‘ग्रीनवियर’की सफेदाबाद यूनिट में बतौर सिलाई प्रभारी के रूप में कार्य कर रही हैं।

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नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली से टेक्सटाईल डिजाइन में ग्रेजुएशन करने वाले अभिषेक कंपनी के आइडिया को लेकर बताते हैं कि मैनुअल चरखा को 8 घण्टे चलाने के बाद भी एक महिला सिर्फ सिर्फ 50 रुपए ही कमा सकती हैं। इसलिए ‘मिशन सोलर चरखा’ के साथ उन्होंने 2019 में ‘ग्रीनवियर फैशन प्राइवेट लिमिटेड’ की शुरूआत की थी। अब तक 200 से अधिक महिलाओं को सोलर चरखा पर बुनाई का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 

6 कंपनियों में से एक ‘ग्रीनवियर’ को सीईईडब्ल्यू-विलग्रो की ‘पावरिंग लिवलीहुड्स’ में भी जगह दी गई है। जिससे कंपनी को आर्थिक मदद के अलावा ‘ग्रीनवियर’को बिजनेस मॉडल से लेकर कारोबार करने और नए उत्पादों को बाजार में लाने में सहयोग कर रहा है।

 

 

 

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TAGS: Solar Charkha, Greenwear, Abhishek Pathak, North India, सोलर चरखा, ग्रीनवियर, अभिषेक पाठक, ग्रामीण महिलाओं को रोजगार
OUTLOOK 01 December, 2021
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