कभी राम के अस्तित्व पर उठते थे सवाल, हमने हीनभावना की बेड़ियां तोड़ीं; 'सबका साथ, सबका विकास' के लिए भगवान ने दी प्रेरणा: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां कहा कि भगवान राम ने अपने शब्दों, विचारों और शासन के माध्यम से जो मूल्य पैदा किए हैं, वे सबका साथ, सबका विकास की प्रेरणा हैं। मोदी ने कहा कि एक समय था, जब देश में भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाते थे लेकिन हमने हीन भावना की बेड़ियां तोड़ी हैं।
दीपोत्सव समारोह में शामिल होने के लिए अय़ोध्या पहुंचे प्रधानमंत्री ने कहा कि ये "सबका विश्वास, सबका प्रयास" का भी आधार हैं। राम कथा पार्क में एक सभा को संबोधित करते हुए जहां भगवान राम और सीता का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक किया गया था, मोदी ने कहा कि उन्हें उनके आशीर्वाद के कारण देवता के "दर्शन" करने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि अयोध्या, पूरे यूपी और दुनिया के लोग इस आयोजन को देख रहे हैं। जैसा कि हम 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहे हैं, भगवान राम जैसा संकल्प देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।" पीएम ने कहा कि भगवान राम के आदर्श अगले 25 वर्षों में विकसित भारत के इच्छुक लोगों के लिए प्रकाश की किरण हैं और "सबसे कठिन लक्ष्यों को प्राप्त करने का साहस" देते हैं।
मोदी ने कहा कि एक समय था, राम के बारे में हमारी सभ्यता के बारे में बात करने से बचा जाता था। इसी देश में राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाए जाते थे। उसका परिणाम ये हुआ कि हमारी धार्मिक सांस्कृतिक पहचान पीछे छूटती गई। अयोध्या आते थे तो मन दुखी हो जाता था। वाराणसी की गलियां परेशान कर देती थीं। जिन्हें हम अपने अस्तित्व का प्रतीक मानते थे, वही बदहाल थे, तो मनोबल टूट जाता था। 8 सालों में देश ने हीनभावना की बेड़ियों को तोड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि पर रामलला की पूजा अर्चना की। 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर के निर्माण के लिए "भूमि पूजन" के बाद यह उनकी पहली अयोध्या यात्रा है। दीपोत्सव समारोह के लिए अयोध्या पहुंचने के तुरंत बाद, पीएम अस्थायी राम मंदिर गए और राम लला की पूजा की। उन्होंने वहां मिट्टी का दीया जलाया और "आरती" की। अधिकारियों ने मोदी को स्थल पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के बारे में भी जानकारी दी। इससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम का स्वागत किया।