पैसे लेकर सवाल पूछने वाले निष्कासित 11 सांसदों के खिलाफ तय होंगे आरोप
साल 2005 में संसद में प्रश्न पूछने के एवज में पैसे लेने के मामले में एक विशेष अदालत ने गुरुवार को 11 निष्कासित सांसदों (संसद के सदस्य) के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अदालत ने आपराधिक साजिश रचने के कथित अपराध तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 28 अगस्त निर्धारित की गई है। उसी दिन सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।
Special Court orders framing of charges against 11 expelled MPs in 2005 cash-for-question scam. Charges will be framed on August 28th.
— ANI (@ANI) August 10, 2017
जज पूनम चौधरी ने कहा कि इस मामले में सभी सांसदों के साथ ही अन्य व्यक्ति रवींद्र कुमार के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार का मामला बनता है। इन सभी लोगों के खिलाफ जल्द से जल्द आरोप तय किए जाएं। जज ने ये भी आदेश दिया है कि सभी 12 आरोपी 28 अगस्त में कोर्ट में हाजिर हों। उसी समय इनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।
स्टिंग ऑपरेशन में कैद हुए थे सांसद
गौरतलब है कि एक टेलीविज़न चैनल ने साल 2005 में एक स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों को संसद में प्रश्न पूछने के लिए घूस लेते दिखाया गया था। चैनल ने इसे 'ऑपरेशन दुर्योधन' का नाम दिया था। मामला सामने आने के बाद 10 लोक सभा सदस्यों और एक राज्यसभा सदस्य को बर्खास्त कर दिया गया था।
वहीं मामलें की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था जिसका अध्यक्ष पवन कुमार बंसल को नियु्क्त किया गया। इस समिति ने आरोपी सासंदो को सदन से निष्कासित करने की सिफ़ारिश की थी। इन सांसदों में भाजपा के छह (अन्ना पाटिल, वाईजी महाजन, सुरेश चंदेल, प्रदीप गाँधी, चंद्रपाल, छत्रपाल सिंह), बीएसपी के तीन (नरेंद्र कुशवाहा, लालचंद्र, राजाराम पाल) और कांग्रेस (राम सेवक) और आरजेडी (मनोज कुमार) का एक-एक सांसद शामिल थे।