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28 February 2017

हड़ताल से सरकारी बैंकों का काम प्रभावित

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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) की अपील पर इस हड़ताल से विभिन्न बैंकों की शाखाओं में धन के नकद जमा और आहरण तथा चेकों के समाशोधन का काम बुरी तरह प्रभावित बताया गया। यूएफबीयू में नौ यूनियन हैं जिनमें भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से संबंधित नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) तथा नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) भी हैं लेकिन बीएमएस से संबद्ध ये दोनों ही संगठन आज की हड़ताल में शामिल नहीं हैं।

आल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएस वेंकटचलम ने कहा कि  प्रबंधकों और आईबीए इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की हठधर्मिता और संवेदनहीनता के कारण हमें इस हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ा है। इन लोगों ने नोटबंदी के दौरान बैंककर्मियों की ओर से अतिरिक्त समय तक दी गई सेवाओं के लिए अलग से भुगतान किए जाने की हमारी मांग पर बातचीत करना भी उचित नहीं समझा।

 

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बीएमएस से संबद्ध एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि  यह हड़ताल अनावश्यक थी क्योंकि आईबीए ने मार्च के पहले सप्ताह में यूनियनों को बातचीत के लिए बुला रखा है और ग्रेच्युटी के बारे में भी सरकार ने मानसून सत्र में कानून में संशोधन का आश्वासन दे रखा है। हड़ताल टाली जा सकती थी। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के 27  बैंक हैं। इनका कुल बैंकिंग सेवा बाजार के तीन चौथाई कारोबार पर नियंत्रण है। (एजेंसी)

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TAGS: सरकारी बैंक, हड़ताल, यूनियन, मांग, धन, नकद
OUTLOOK 28 February, 2017
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