CBSE पेपर लीक मामले में नाराज छात्रों का प्रदर्शन, कहा- 'दोबारा न हो परीक्षा'
सीबीएसई के 10वीं गणित और 12वीं इकोनॉमिक्स के पेपर लीक होने के बाद फिर से परीक्षा कराए जाने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। सीबीएसई के इस फैसले के खिलाफ कुछ छात्र और उनके अभिभावक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि या तो सभी विषयों की परीक्षाएं दोबारा हों या फिर कोई भी परीक्षा दोबारा न हो। कल यानी बुधवार को पेपर लीक की खबरों के बाद सीबीएसई ने फिर से परीक्षा कराने की घोषणा की थी।
वहीं, प्रदर्शन कर रहे छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि परीक्षा के लिए बच्चों के ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव होता है। जिन बच्चों ने पूरी मेहनत और ईमानदारी से अपनी परीक्षा दी उन्हें भी फिर से परीक्षा के तनाव से गुजरना होगा। बताया जा रहा है कि इस केस में सीबीएसई अधिकारियों से भी पूछताछ की जा सकती है। जांच एजेंसी ने इस मामले में कई जगहों पर छापेमारी की है।
Delhi: Students protest at Jantar Mantar against #CBSEPaperLeak, say 'either there should re-examinations of all subjects or else of neither'. Raise 'we want justice' slogans pic.twitter.com/iymbkfavDe
— ANI (@ANI) March 29, 2018
इस मामले में गुरुवार को सीबीएसई द्वारा की गई शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने बताया कि उनके पास 23 मार्च को एक फैक्स आया, जिसमें राजेंद्र नगर में एक कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाने वाले व्यक्ति को पेपर लीक का आरोपी बताया गया है। इसके साथ ही इस कॉपी में राजेंद्रनगर के दो स्कूलों के भी नाम शामिल किए गए हैं। ये मामले धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र और आपराधिक विश्वासघात के आरोप में दर्ज किए गए हैं।
CBSE in a complaint to Delhi Police says it received a fax on March 23 naming a person from Rajinder Nagar behind CBSE paper leak. This person, as per the complaint, runs a coaching institute. pic.twitter.com/0KLQ3GIQry
— ANI (@ANI) March 29, 2018
बताया जा रहा है कि अभिभावकों ने गणित और अर्थशास्त्र के पेपर दोबारा कराने के फैसले के खिलाफ ऑनलाइन पिटिशन शुरू की है। अब तक 4 हजार से भी ज्यादा अभिभावक जुड़ चुके हैं।
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों की तलाश में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लगातार छापेमारी कर रही है। अब तक करीब 25 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है, जिसमें अधिकतर छात्र हैं जिनके पास हाथ से लिखा प्रश्न पत्र था।
इस पूरे मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है, जिसमें दो पुलिस उपायुक्त , चार सहायक पुलिस आयुक्त और पांच निरीक्षक शामिल हैं।