Advertisement
17 March 2018

सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी को लिखा पत्र, राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग

ANI

भाजपा नेता और राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि सरकार राम जन्मभूमि पर एक अध्यादेश ला सकता है और इस तरह एक प्रतिष्ठित निकाय के नेताओं को जमीन सौंपने के लिए कानून पारित कर सकती है। खासतौर पर उसे जो अगम शास्त्र के निपुण है। उन्हें इस जमीन पर मंदिर निर्माण के निर्देश दे सकती है।

दावेदारों को दिया जा सकता है मुआवजा

एएनआई के मुताबिक, स्वामी ने पत्र में आगे लिखा, 'मौजूदा दावेदारों को जमीन की जगह उनके दावे के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जा सकता है।' उन्होंने यह भी लिखा, 'कांग्रेस-प्रभावित वकील मामले में प्रगति रोकना चाहते हैं। इसलिए मैंने सोचा कि हमें संविधान बनाना चाहिए और कानून को हथियार बनाना चाहिए। अध्यादेश लाना चाहिए।'

Advertisement

अयोध्या विवाद पर 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने इस दौरान सभी दखल याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ मुख्य पक्षकारों की याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाएगी।

अयोध्या मामले में तीन पक्षकार हैं-

1. सुुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड

2. राम लला विराजमान

3. निर्मोही अखाड़ा

लोकसभा चुनाव तक सुनवाई टालने की अपील की गई थी

इस मामले की दिसंबर के पहले हफ्ते में हुई सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से इस केस की सुनवाई लोकसभा चुनाव तक टालने की मांग की थी।

उन्होंने कहा, "कृपया होने वाले असर को ध्यान में रखकर इस मामले की सुनवाई कीजिए। कृपया इसकी सुनवाई जुलाई 2019 में की जाए, हम यकीन दिलाते हैं कि हम किसी भी तरह से इसे और आगे नहीं बढ़ने देंगे। केवल न्याय ही नहीं होना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए।"

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "ये किस तरह की पेशकश है? आप कह रहे हैं जुलाई 2019। क्या इससे पहले मामले की सुनवाई नहीं हो सकती?"

हाईकोर्ट ने विवादित जमीन 3 हिस्सों बांटने का दिया था आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में विवादित 2.77 एकड़ जमीन 3 बराबर हिस्सों में बांटने का ऑर्डर दिया था। अदालत ने रामलला की मूर्ति वाली जगह रामलला विराजमान को दी। सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को और बाकी हिस्सा मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया था।

कोर्ट ने 7 लैंग्वेज में अनुवाद कराने को कहा था

बता दें कि कोर्ट ने 11 अगस्त को 7 भाषाओं के दस्तावेजों का अनुवाद करवाने को कहा था। 6 दिसंबर को सुनवाई तय की थी, लेकिन उस वक्त तक ट्रांसलेशन का काम पूरा नहीं हो पाया था, इसलिए कोर्ट ने तारीख 8 फरवरी तक बढ़ा दी थी। तब कुल 19,590 पेज में से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के हिस्से के 3,260 पेज जमा नहीं हुए थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Subramanian Swamy, PM Modi, Ramjanmbhoomi land, narendra modi
OUTLOOK 17 March, 2018
Advertisement