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15 January 2022

चॉपर क्रैश: इस कारण से हादसे का शिकार हुआ था जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर, कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में सामने आई वजह

देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश मामले में ट्राइ-सर्विस कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने शुक्रवार को अहम जानकारी सार्वजनिक की है। शुरुआती जांच के नतीजों के आधार पर 8 दिसंबर 2021 को हुए एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर हादसे के लिए किसी भी यांत्रिकी विफलता, अंतर्ध्वंस और असावधानी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। दरअसल, हेलीकॉप्टर में मौजूद फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर के डेटा का विश्लेषण करने के बाद ही इन नतीजों पर पहुंचा गया है।

इस बारे में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि ये दुर्घटना मौसम में आए अचानक बदलाव के कारण हेलीकॉप्टर के बादलों में प्रवेश कर जाने की वजह से हुई। इसके चलते पायलट के लिए स्थितिभ्रांति जैसी स्थिति पैदा हुई और हेलीकॉप्टर जमीन से टकरा गया। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं, जिनकी समीक्षा की जा रही है।

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जानकारी के मुताबिक, हेलिकॉप्टर हादसे की जांच के लिए गठित कोर्ट ऑफ इन्कवायरी की अगुवाई एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह कर रहे हैं। वह फिलहाल वायु सेना के बेंगलुरु प्रशिक्षण कमान के प्रमुख हैं जिसे देश विमान हादसों की जांच के लिए बेहतरीन माना जाता है। वे इससे पहले वायु सेना मुख्यालय में डीजी थे और उन्होंने विमान सुरक्षा पर कई प्रोटोकॉल तैयार किए।

बता दें कि बीते साल आठ दिसंबर को वायु सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में हादसे का शिकार हो गया था। इस दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधूलिका रावत और 12 अन्य सैन्य अधिकारियों की भी मौत हो गई थी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भूमिका में जनरल बिपिन रावत देश की तीनों सेनाओं के एक साथ मिलकर काम करने की क्षमताओं पर काम कर रहे थे। सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण के क्षेत्र में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

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TAGS: Sudden weather change, pilot's spatial, disorientation, Court of Inquiry, IAF chopper crash
OUTLOOK 15 January, 2022
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