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05 July 2018

सुनंदा पुष्कर मामले में एक लाख के मुचलके पर शशि थरूर को मिली अग्रिम जमानत

File Photo

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरूवार को एक लाख रुपये के मुचलके पर कांग्रेस नेता शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है।

इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था। बुधवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान एसआइटी ने जमानत याचिका का विरोध किया है। शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला गुरूवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।

अग्रिम जमानत याचिका पर शशि थरूर के वकील ने दलील दी थी कि एसआइटी ने साफ तौर पर चार्जशीट में कहा है कि जांच समाप्त हो गई है और किसी भी व्यक्ति को कस्टडी में लेकर पूछताछ नहीं की जाएगी। इसमें कानूनी रूप से साफ है कि चार्जशीट बिना गिरफ्तारी के दायर की जाएगी। चार्जशीट दाखिल होने से साफ है कि अब मामले में किसी से पूछताछ की जरूरत नहीं है।

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दिल्‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शशि थरूर को आरोपी के तौर पर समन जारी करते हुए इस मामले में सात जुलाई को अपने समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। पिछली सुनवाई में पुलिस ने अदालत से कहा था कि थरूर को साढ़े चार साल पुराने मामले में आरोपी के तौर पर तलब किया जाना चाहिये। पुलिस ने दावा किया था कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। दिल्ली पुलिस ने तकरीबन तीन हजार पेज के आरोप पत्र में थरूर को एकमात्र आरोपी के तौर पर नामजद किया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की। थरूर के घरेलू नौकर नारायण सिंह को मामले में एक महत्वपूर्ण गवाह बनाया गया है।

इससे पहले कोर्ट द्वारा सुनंदा पुष्कर आत्महत्या में उकसाने और क्रूरता का आरोपी बनाए जाने के बाद शशि थरूर ने इसे बेबुनियाद और आधारहीन बताया थे। थरूर ने अपनी सफाई में एक पत्र जारी किया था। इसमें उन्‍होंने कहा था, 'मुझ पर जो आरोप लगए गए हैं, वह अनर्गल और आधारहीन हैं। मेरे खिलाफ द्वेषपूर्ण और बदला लेने के उद्देश्‍य से अभियान चलाया जा रहा है।'

 

सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 को दिल्ली के एक होटल में मृत पायी गई थीं। कांग्रेस नेता पर आईपीसी की धारा 498 ए (क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के आरोप लगाए गए हैं। धारा 498 ए के तहत अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान है जबकि धारा 306 के तहत अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है।

 

 

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TAGS: Sunanda Pushkar death case, Patilala House, Grant, anticipatory, bail, grant, shashi tharoor
OUTLOOK 05 July, 2018
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