ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर ‘सुप्रीम’ रोक, GST लगाने को बताया था असंवैधानिक
उच्चतम न्यायालय ने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए आयातित ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पर लगाये गये एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) को असंवैधानिक घोषित करने के फैसले पर मंगलवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अवकाशकालीन खंडपीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्रीय वित्त मंत्रालय की अपील की सुनवाई करते हुए यह रोक लगायी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पर लगाये गये आईजीएसटी को असंवैधानिक घोषित किया था।
शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हो रहे एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने अपने फैसले के जरिये बड़ा घेरा डाल दिया है।
न्यायालय के यह पूछने पर कि केंद्र ने पहले ही सरकारी एजेंसियों द्वारा आयातित ऑक्सीजन कान्सेंट्रेटर के लिए आईजीएसटी से छूट दी है, श्री वेणुगोपाल ने कहा कि इस प्रकार की छूट का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों द्वारा आयातित कॉन्सेंट्रेटर को गरीब और जरूरतमंद लोगों में वितरित करना था। निजी रूप से आयातित कॉन्सेंट्रेटर के लिए ऐसा कोई उद्देश्य नहीं है।
खंडपीठ ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने अपनी याचिका में तार्किक सवाल उठाए हैं। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जीएसटी परिषद ने कोरोना संबंधी वस्तुओं पर जीएसटी छूट के मुद्दे पर विचार के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है और यह समूह आठ जून को अपनी रिपोर्ट देगा, लेकिन उच्च न्यायालय के फैसले ने केंद्र के हाथ बांध दिए हैं।
एटर्नी जनरल की दलीलें सुनने के बाद अवकाशकालीन खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगनादेश जारी किया। खंडपीठ ने संबंधित पक्ष को नोटिस जारी करके इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने को भी कहा।