Advertisement
11 July 2024

देश में आत्महत्या के बढ़ते मामलों से चिंतित सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

देश में आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों को ‘‘सामाजिक मुद्दा’’ करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को केंद्र को एक जनहित याचिका पर समग्र उत्तर दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। इस याचिका में खुदकुशी की घटनाओं की रोकथाम और इनमें कमी लाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन का अनुरोध किया गया है।

आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों को 'सामाजिक मुद्दा' बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को आत्महत्याओं की रोकथाम और कमी के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन की मांग करने वाली जनहित याचिका पर एक व्यापक जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।

मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वकील और याचिकाकर्ता गौरव कुमार बंसल की दलीलों पर ध्यान दिया कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है और केंद्र से एक व्यापक हलफनामा दाखिल करने को कहा।

Advertisement

सीजेआई ने कहा, "यह एक सामाजिक मुद्दा है, केंद्र और अधिकारियों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने दें।" शीर्ष अदालत ने 2 अगस्त, 2019 को जनहित याचिका पर केंद्र और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किए थे।

याचिका में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आत्महत्या के विचार रखने वाले व्यक्तियों को कॉल सेंटर और हेल्पलाइन के माध्यम से सहायता और सलाह प्रदान करने के लिए एक परियोजना शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। दिल्ली पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि 2014 से 2018 के बीच 18 साल से कम उम्र के बच्चों की आत्महत्या के 140 मामले दर्ज किए गए।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Supreme Court, concerned, increasing cases of suicide in the country, response from the Centre, PIL
OUTLOOK 11 July, 2024
Advertisement