Advertisement
29 August 2018

भीमकोरे गांव मामला-सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर तक सामाजिक कार्यकर्ताओं को नजरबंद करने का दिया आदेश

 सुप्रीम कोर्ट की ओर से पांचों सामाजिक कार्यकर्तांओं को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कहा है कि सभी आरोपी पांच सिंतबर तक अपने घर में नजरबंद रहेंगे। अब मामले में अगले गुरुवार यानी ६ सतिंबर को सुनवाई होगी। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि लोकतंत्र के सेफ्टी वॉल्व यानी विरोध की आवाज को दबाया जाएगा तो प्रेशर कूकर फट जाएगा।

माओवादियों से कथित संबंधों और गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में  इतिहासकार रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे, माया दर्नाल और एक अन्य ने याच‌िका दायर की है। सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और गौतम नवलखा की गिरफ्तारी के खिलाफ यह याचिका डाली गई है। एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी की यह याचिका चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच जजों की पीठ के समक्ष पेश की गई तथा गिरफ्तारी को गैर कानूनी बताते हुए इस पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गई।

किन सबूतों पर हुई गिरफ्तारी, दिल्ली हाई कोर्ट ने मांगा सबूत

Advertisement

बुधवार को नवलखा की ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि किन ठोस सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी हुई। मराठी वांरट का अनुवाद कहां है। गिरफ्तारी पर पहले कोर्ट को संतुष्ट करें। यह किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल है। कोर्ट ने पूछा गिरफ्तार करने का आधार क्या है। कोर्ट ने कहा कि पहले महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई और ट्रांजिट रिमांड के कानूनी पहलुओं की जांच की जाएगी

कोर्ट ने अभियोजन से पूछा कि गौतम नवलखा या फिर उनके वकील को गिरफ्तारी मेमो क्यों नहीं दिया गया। गौतम नवलखा कस्टडी में हर एक मिनट जो काट रहे हैं, वो चिंता का विषय है।  कोर्ट ने पूछा, ट्रांजिट रिमांड देने से पहले केस डायरी देखना जरूरी है। साकेत कोर्ट ने बिना केस डायरी देखे कैसे ट्रांजिट रिमांड दे दी। नवलखा के वकील को सिर्फ तीन पेपर ही क्यों दिए गए। बिना केस डायरी के ट्रांजिट रिमांड कैसे दे दी जाए।

 

नवलखा के वकील ने दलील दी कि पुलिस एफआईआर में उनके मुवक्किल का तो नाम ही नहीं हैं, फिर गिरफ्तारी किस आधार पर की गई। पुलिस ने मराठी से अंग्रेजी में डॉक्युमेंट्स के अनुवाद के लिए समय मांगा था। हाई कोर्ट ने पुलिस की ओर से पेश वकील को डॉक्युमेंट्स जमा करने के लिए कहा था।

राहुल गांधी ने साधा निशाना

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मसले पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार शाम को ट्वीट किया, 'भारत में सिर्फ एक ही एनजीओ के लिए जगह है और उसका नाम है आरएसएस। इसके अलावा अन्य सभी एनजीओ को बंद कर दीजिए। सभी कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दो और जो विरोध करे, उसे गोली मार दो।'

पुणे पुलिस ने छापेमारी कर किया था गिरफ्तार

महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा की जांच में जुटी पुणे पुलिस ने मंगलवार को देश भर में कई जगहों पर छापेमारी की थी तथा वामपंथी लेखक वरवरा राव, ट्रेड यूनियन एक्टिंविस्ट सुधा भारद्वाज, मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नौलखा और सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में तीन महीने के भीतर दूसरी बार देश भर में छापेमारी की गई। इससे पहले जून में छापेमारी के बाद सुधीर धावले, सुरेंद्र गाडगिल, महेश राउत, शोमा सेना और रोना विल्सन को गिरफ्तार किया गया था। इन पर नक्सलियों से संपर्क रखने और भड़काऊ भाषण देकर भीमा-कोरेगांव में हिंसा भड़काने का आरोप है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Romila Thapar, 4 others, moves, SC, arrest, activists
OUTLOOK 29 August, 2018
Advertisement