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20 August 2018

योगी आदित्यानाथ पर से केस वापस लेने के मामले में यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

file photo

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2007 के गोरखपुर दंगों से जुड़ा मामला वापस लेने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से सोमवार को जवाब मांगा। चीफ जस्टिट दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर तथा न डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने नोटिस जारी किया और राज्य सरकार से चार हफ्तों के अंदर जवाब मांगा।

तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और कई अन्य लोगों के खिलाफ 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर के कोतवाली थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी में दो समूहों के बीच कटुता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था। आरोप लगाया गया था कि आदित्यनाथ के नफरत भरे कथित भाषण के बाद गोरखपुर में उसी दिन हिंसा की कई घटनाएं हुईं। प्राथमिकी में यह भी दावा किया गया था कि आदित्यनाथ के भाषण के बाद दंगे हुए जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई। आदित्यनाथ को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 11 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। एक फरवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा था। मजिस्ट्रेट के आदेश में आदित्यनाथ के खिलाफ आरोपपत्र को संज्ञान लिया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी समेत आठ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था। इसी मामले को लेकर याचिकाकर्ता परवेज  ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया।

2008 में मोहम्मद असद हयात और परवेज़ ने दंगों में एक व्यक्ति की मौत के बाद सीबीआइ जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में योगी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 153ए, 395 और 295 के तहत जांच की मांग की गई। जिसके बाद केस की जांच सीबी-सीआईडी ने की और 2013 में भड़काऊ भाषण की रिकॉर्डिंग में योगी की आवाज सही पाई गई। हालांकि यूपी उस दौरान अखिलेश सरकार से अनुमति न मिलने से सीबी-सीआईडी ने तत्कालीन सांसद के खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई थी।

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TAGS: Supreme Court, Uttar Pradesh, notice, Chief Minister, Yogi Adityanath, Gorakhpur
OUTLOOK 20 August, 2018
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