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25 November 2019

प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी, कहा- दम घोंटने से अच्छा है सबको बारूद से उड़ा दो

file photo

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रदूषण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण की वजह से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। इससे अच्छा है कि लोगों को एक साथ ही मार दिया जाए। 15 बोरों में बारूद ले आइए और सबको उड़ा दीजिए। लोगों को इस तरह क्यों घुटना पड़े?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल से कहा कि लोगों को गैस चैंबर में रहने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? उन सभी को एक बार में मारना बेहतर है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण लाखों लोगों की आयु कम हो गई है और लोगों का 'दम घुंट' रहा है। पराली जलाने पर रोक लगाने के आदेश के बावजूद हरियाणा में ऐसी घटनाएं बढ़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई।

'आपसी मतभेद भुलाकर काम करें'

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से आरोप प्रत्यारोप चल रहा है, मुझे आश्चर्य है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने चीफ सेक्रेटरी से कहा, 'दिल्ली की हालत नरक से भी बदतर है। आपको दिल्ली की कुर्सी पर रहने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने जल प्रदूषण पर भी संज्ञान लेते हुए कहा है कि केंद्र और राज्य दोनों जांच करें कि दिल्ली का पानी पीने योग्य है या नहीं और उसके बाद सारे आंकड़ें कोर्ट के सामने पेश किए जाएं। पंजाब और हरियाणा को भी कड़ी फटकार लगाते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार से आपसी मतभेद भुला कर काम करने को कहा।

'दंडित करने के बजाय सकारात्मक कार्य करें'

जस्टिस अरुण मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से कहा कि पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई है, तो हम आपको और आपकी मशीनरी को दंडित क्यों न करें? इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लगभग 1000 एफआईआर पराली जलाने वालों के खिलाफ दायर की गई है और लगभग 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि लोगों को दंडित करने के बजाय सकारात्मक कार्य करें।

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OUTLOOK 25 November, 2019
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