Advertisement
06 October 2021

पटाखों पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, कहा- 'हम जश्न मनाने के खिलाफ नहीं, लेकिन किसी की जान की कीमत पर नहीं’

पटाखों के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जश्न मनाने के खिलाफ नहीं है लेकिन ये दूसरों की जान की कीमत पर नहीं हो सकता। पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद इसके इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे देश में मुख्य समस्या आदेशों को लागू करने की है।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा, 'उत्सव दूसरों की जान की कीमत पर नहीं हो सकता। हम जश्न मनाने के खिलाफ नहीं हैं। आप त्योहार मनाना चाहते हैं। हम भी मनाना चाहते हैं, लेकिन किस कीमत पर, ये भी हमें सोचना होगा।'  कोर्ट ने ये भी कहा, जश्न का मतलब तेज पटाखों का इस्तेमाल नहीं है, यह "फुलझड़ी" के साथ भी हो सकता है, जिससे शोर नहीं होता।

पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद इसके इस्तेमाल पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा, 'हमारे पहले के आदेशों का पालन किया जाना चाहिए। आप आज किसी भी जश्न में जाएं, वहां देखेंगे कि पटाखे फूट रहे हैं। खासतौर से लड़ी वाले। हमने इन पर पहले ही प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन बाजारों में इन्हें बेचा जा रहा है और और इस्तेमाल किया जा रहा है।' पीठ ने सवाल किया, हम जानना चाहते हैं कि प्रतिबंध के बावजूद पटाखे बाजार में कैसे उपलब्ध हैं।

Advertisement

जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, याचिकाकर्ता अर्जुन गोपाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि उन्होंने सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है और जो हुआ वह वास्तव में बहुत परेशान करने वाला है। वहीं, पटाखों के निर्माता संघ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने दलील दी कि उद्योग को सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार काम करना चाहिए। दवे ने कहा, "यह एक संगठित उद्योग है। लगभग पांच लाख परिवार हम पर निर्भर हैं। जहां तक शिवकाशी का सवाल है, हम सभी सावधानी बरत रहे हैं।"

शीर्ष अदालत ने कहा कि परेशानी की बात कोर्ट् द्वारा जारी आदेशों के कार्यान्वयन को लेकर है। कोर्ट ने कहा, "क्या आपने निर्माताओं का जवाब देखा है। उनकी तरफ जो कहा गया वह बहुत ही आश्चर्यजनक है। जब बड़ी मात्रा में बेरियम नमक खरीदा जाता है, तो उन्हें इसे गोदाम में रखा जाना चाहिए, लेकिन निर्माण के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्या सिर्फ दिखाने के लिए वे इसे गोदाम में रख रहे हैं।"

वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता ने कहा कि अगर एक या दो निर्माता आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं तो पूरे उद्योग को नुकसान नहीं होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने पक्षों से सीबीआई रिपोर्ट के जवाब में दायर जवाबी हलफनामों की प्रतियों का आदान-प्रदान करने के लिए कहा और मामले की सुनवाई 26 अक्टूबर को तय की।

शीर्ष अदालत ने पक्षों से सीबीआई रिपोर्ट के जवाब में दायर जवाबी हलफनामों की प्रतियों का आदान-प्रदान करने के लिए कहा और मामले की सुनवाई 26 अक्टूबर को तय की। 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेशों का पालन न किए जाने पर 6 पटाखा निर्माता कंपनियों को अवमानना नोटिस जारी किया था। इसी मामले पर अदालत में सुनवाई चल रही थी. अपना जवाब दाखिल करने के लिए निर्माताओं ने समय मांगा है। अब इस मामले पर 26 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Supreme Court, strict, firecrackers, top court, celebration, cost of life, other citizens.
OUTLOOK 06 October, 2021
Advertisement