टैगोर कुटुंब की महिलाओं ने कई उपलब्धियां हासिल की : शर्मिला टैगोर
शर्मिला कल शाम यहां अरणा चक्रवर्ती द्वारा लिखित पुस्तक डॉटर्स ऑफ जोरासैंको के विमोचन के अवसर पर बोल रही थीं। यह अर्ध-काल्पनिक पुस्तक पूर्व के जोरासैंकों (2013) का सिक्वेल है जिसमें टैगोर परिवार के इतिहास पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा, एक प्रतिष्ठित परिवार का हिस्सा रहते हुए जोरसैंको में महिलाओं ने कुछ विवशताओं के तहत जिंदगी गुजारी, लेकिन इसके बावजूद वे आधुनिक रहीं और कई मायनों में उन्होंने अनेकों उपलब्धियां हासिल की।
शर्मिला ने कहा, अपने तीन बच्चों के साथ खुद से ब्रिटेन और बंबई की यात्रा करने वाली ग्यानंदिनी पहली महिला थीं। वह साहस दिखाने वाली महिला थीं और कई चीजें खुद से की। उस जमाने में महिलाएं एक थान कपड़ा पहना करती थीं, लेकिन उन्होंने इसे पारसी फैशन में ढालकर पहना।
शर्मिला ने शांतिनिकेतन के निर्माण में रबीन्द्रनाथ की पत्नी मृणालिनी की भूमिका रेखांकित की। शांति निकेतन रबीन्द्रनाथ के बाद के जीवन में उनकी शरणस्थली बना। उन्होंने कहा, शांति निकेतन में मृणालिनी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने अपने गहने तक बेच दिए और इसके निर्माण के लिए हर चीज की बलि दे दी। उनका स्वास्थ्य भी काफी प्रभावित हुआ।
शर्मिला ने कहा, नोबल पुरस्कार विजेता रबीन्द्रनाथ की बहन स्वर्णकुमारी देवी उस जमाने की प्रथम बंगाली लेखिकाओं में से एक थीं।
भाषा