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29 September 2016

शहाबु की जमानत पर फैसला कल आएगा

गूगल

 

वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे शहाबुद्दीन की ओर से पेश हुए और उन्होंने अपने मुवक्किल को जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली अपीलों का विरोध करते हुए कहा कि सामान्य परिस्थितियों में जीवन और छूट के आधार का हनन नहीं किया जाना चाहिए। न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के समक्ष तथ्य नहीं रखने के लिए बिहार सरकार को कल कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था क्या उसके जमानत पाने तक आप सोए हुए थे।

उच्च न्यायालय ने हत्या के मामले में राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को जमानत दी थी। नीतीश कुमार सरकार के वकील से शीर्ष अदालत ने कड़े सवाल किए थे और शहाबुद्दीन के खिलाफ मामले का अनुसरण करने में गंभीर नहीं रहने के लिए उन्हें फटकार लगाई थी। नीतीश सरकार में राजद भी सहयोगी दल है। सीवान निवासी चंद्रकेश्वर प्रसाद की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए कल कहा था कि उसे जमानत पर रिहा करना न्याय का मजाक है।

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चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन पुत्रों की दो अलग-अलग घटनाओं में हत्या कर दी गई थी। शहाबुद्दीन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे ने कहा था कि उनका मुवक्किल मीडिया ट्रायल का शिकार है। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार को निष्पक्ष होना होगा और व्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। (एजेंसी)

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TAGS: शहाबुद्दीन, हत्या, जमानत, पटना हाईकोर्ट, उच्चतम न्यायालय, पी.सी. घोष, अमिताव राय, बिहार सरकार, प्रशांत भूषण
OUTLOOK 29 September, 2016
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