Advertisement
31 January 2023

फर्स्ट एड की अहमियत से नकारा नहीं जा सकता, इसकी जरूरत हर जगह; जाने किस देश ने किया काउंसिल से एग्रीमेंट

फर्स्ट एड एक ऐसा कोर्स है जिसकी जरूरत हर जगह है, क्योंकि देश में अस्पतालों की संख्या कम है और ग्रामीण क्षेत्रों से उनकी दूरी भी ज्यादा है। इसकी अहमियत से नकारा नहीं जा सकता। यह बात फर्स्ट एड काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ. शबाब आलम ने कही। उन्हें यूरोपियन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।

डॉ. शबाब आलम ने कहा कि उनको मिला सम्मान फर्स्ट एड कोर्स की शुरुआत से लेकर इस क्षेत्र में किए गए उनके तमाम प्रयासों का सम्मान है। कोलंबो से लौटकर डॉ. आलम ने बताया कि श्रीलंका ने अपने यहां प्राथमिक चिकित्सा को सर्वसुलभ बनाने लिए फर्स्ट एड काउंसिल ऑफ इंडिया से करार किया है, जिसके तहत काउंसिल के मार्गदर्शन में वहां फर्स्ट एड से संबंधित सभी तरह के कोर्स चलाए जाएंगे।

श्रीलंका में सम्मानित होने पर डॉ. आलम को शिक्षा जगत से जुड़े तमाम लोगों के अलावा उनके शहर मुजफ्फरनगर से भी लगातार बधाइयां मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि फर्स्ट एड काउंसिल ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रेंड मेडिकल प्रोफेशनल्स की कमी को काफी हद तक दूर किया है। ऐसे में मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने से पहले अगर फर्स्ट एड दे दिया जाए, तो उसकी जान बचाने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसका ताजा उदाहरण मौजूदा समय में कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौतें हैं। ऐसे मामलों में फर्स्ट एड देकर 90 फीसदी मरीजों को बचाया जा सकता है। आंकड़ों के मुताबिक देश में हर वर्ष एक करोड़ से ज्यादा लोग सिर्फ इस वजह से जान गंवा देते हैं कि उनकों उनको समय पर फर्स्ट एड नहीं मिल पाता। वहीं बीस लाख लोग तो सिर्फ ज्यादा खून बह जाने से मर जाते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 31 January, 2023
Advertisement