पीएम ने फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों का सहयोग मांगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी तकनीक का इस्तेमाल करने की सदी है और भारत की जरूरतों को वैज्ञानिक उपायों के जरिये पूरा किया जा सकता है। उन्होंने यहां कहा, इस सदी में विज्ञान को आम लोगों के साथ जोड़ना जरूरी है क्योंकि वर्तमान सदी तकनीक से संचालित है। मोदी ने सीएसआईआर के योगदान का उल्लेख करते हुए उम्मीद जताई कि वह इसे कायम रखेगा।
उन्होंने कहा, सीएसआईआर को आधुनिक भारत के विकास के लिए समर्पित होकर योगदान देते हुए 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं और यह हर भारतवासी के लिए गर्व का मौका है। आपने बीते 75 साल में भारत के लिए बहुत योगदान दिया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में आप इसे जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, सीएसआईआर को तकनीकी कामकाज में आसानी जैसा मंच तैयार करना होगा ताकि तकनीक का फायदा जरूरतमंदों तक पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं में ज्यादा से ज्यादा छात्रों को भी रिसर्च का मौका मिले। इसके साथ ही उन्हें चाहिए की यह बिजनस करने को आसान बनाए ताकि सभी हिस्सेदारों को सही प्लेटफॉर्म मिले और टेक्नॉलजी जरूरतमंद लोगों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर को अपने संसाधनों की मदद से देश में नए व्यवसायियों को बनाने में भी सशक्त भूमिका निभानी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मुझे आप सभी से बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि मुझे आप पर पूरा भरोसा है। क्या हम एक वेब पोर्टल नहीं बना सकते जहां धन, सभी तरह के शोध, परिणामों को देखा जा सके ताकि समय और पैसा बचाया जा सके।’ इस मौके पर मोदी ने सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं में विकसित पौधों की सात नई किस्में को किसानों को समर्पित किया। साथ ही उन्होंने सीएसआईआर के तकनीकी योगदान को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
उल्लेखनीय है कि सीएसआईआर 37 अत्याधुनिक संस्थान का ऐसा समूह है, जिसकी गिनती विश्व के अग्रणी वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान संगठनों में होती है। अत्याधुनिक अवसंरचनात्मक सुविधाओं एवं वैज्ञानिक तथा तकनीकी कार्मिक-शक्ति के साथ सीएसआईआर राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान के सभी क्षेत्रों में कार्यरत है जिनमें अंतरिक्ष से लेकर समुद्री अन्वेषण, माइक्रो–इलेक्ट्रॉनिक्स से संरचनात्मक और पर्यावरणीय अभियांत्रिकी, स्मार्ट मेटीरियल से मेकाट्रॉनिक्स, पेट्रोरसायन से संश्लेषित जीवविज्ञान तथा रोबोटिक्स और माइक्रो मशीन से औषधीय तथा कृषि रसायन शामिल है ।(एजेंसी)