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02 July 2019

मुंबई की बारिश ने याद दिलाया 2005 का खौफनाक मंजर, जब 1094 लोगों की गई थी जान

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देशवासियों को इस बार मानसून के लिए कुछ ज्यादा इंतजार करना पड़ा। हालांकि, मानसून देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आया। इतना दुरुस्त कि 15 दिन की देरी से महाराष्ट्र में एंट्री करने वाला मानसून मायानगरी मुंबई में राहत की जगह आफत बन गया है। ऐसे में लोग 2005 की बारिश को याद कर सहम गए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने अगले दो घंटे में मुंबई में भारी बारिश की आशंका जताई है।

मध्य रेल लोकल ट्रेन की आवाजाही पूरी तरह से बंद

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मुंबई पिछले पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश से अस्त व्यस्त हो गई है। भारी बारिश की वजह से ऐसा लग रहा है कि मायानगरी में जिंदगी ठहर सी गई है। मुंबई में मध्य रेल लोकल ट्रेन की आवाजाही पूरी तरह से बंद है। कल रात से ये यातायात रोक दी गई है। सायन, कुर्ला, विद्याविहार स्टेशन पर पानी भरा हुआ है। इस कारण ट्रेन की आवाजाही बंद है। ठाणे से सीएसएमटी तक कि सेवाएं रोकी गई हैं। हार्बर लाइन पर सीएसएमटी से वाशी तक कि सेवाएं रोक दी गई है, लेकिन पश्चिम रेल की सेवाएं शुरू है। चर्चगेट से वसई तक कि सेवाएं फिलहाल शुरू है लेकिन 30 मिनट देरी से। मुंबई के तकरीबन सभी इलाको में पानी भरा है, बाइक और गाडियां पानी में डूब चुकी है। घाटकोपर, जागृति नगर और अलसलफा इलाके में बिजली नहीं है। दादर, बांद्रा, अंधेरी, कुर्ला, मलाड, शायन किंग सर्कल इलाकों में हाल और भी बुरा है।

एक दिन की सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान

महाराष्ट्र में एक दिन की सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान भी किया गया है। सीएम फडणवीस ने लोगों से अपील की कहा कि जब तक जरुरी न हो घरों से बाहर न निकले। मौसम विभाग के मुताबिक आज और कल भारी बारीश की चेतावनी है।

मुंबई की बारिश ने याद दिलाया 2005 का मंजर

मुंबई में अभी जो हालात हैं उसने वहां रह रहे लोगों को 26 जुलाई 2005 में आई भीषण बाढ़ की याद दिला दी है। 26 जुलाई 2005 को मुंबई में सिर्फ 24 घंटे में 944 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इस बाढ़ की वजह से 1,094 लोगों की जान चली गई थी। भारी बारिश की वजह से पूरी मुंबई डूब गई थी।

मुंबई बारिश की वजह से हुई दुर्घटनाओं में अब तक 22 लोगों की मौत

भारी बारिश की वजह से महाराष्ट्र में सिर्फ मंगलवार रात में तीन जगह दीवारें गिरी हैं। इन तीनों घटनाओं में 22 लोगों की मौत हुई है। दीवार गिरने की घटना मलाड ईस्ट, कल्याण और पुणे में हुई है। मलाड ईस्ट में 14 लोगों की मौत की खबर है, जबकि कल्याण में एक स्कूल की दीवार 2 घरों पर गिरी जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है, पुणे में सिंहगढ़ कॉलेज की दीवार गिरने से 6 लोगों की मौत हुई है। जबकि 4 लोग घायल बताए जा रहे हैं। ये घटनाएं आधी रात के आस-पास की हैं।

सीएम फडणवीस ने 5-5 लाख के मुआवजे का किया ऐलान

पुणे में हादसा रात को करीब 1 बजकर 15 मिनट पर हुआ। फिलहाल तीनों जगह राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है। इन हादसों में मरने वाले लोगों के परिजनों के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 5-5 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है।

 

वहीं, घटनास्थलों पर एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई है और मलबे में दबे लोगों को निकाला जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में पुणे में जबर्दस्त बारिश हो रही है। आज भी महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, पालघर में भारी बारिश का अनुमान है। इस दौरान अधिकतम तापमान 28 डिग्री से 23 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। जिन प्रमुख इलाकों में पानी भरा है उनमें भांडूप, थाणे, दादर, सिओन, माटुंगा, परेल और वडाला, माहिम, सांताक्रूज, अंधेरी, जोगेश्वरी, मलाड, दहिसर शामिल हैं। पानी भरने से इससे हर प्रकार का यातायात रुक गया है, जिससे सुबह से ही शहर भर में भारी ट्रैफिक जाम लग गया है।

2005 में हुई थी जानलेवा बारिश

साल 2005 में मुंबईवासियों को जानलेवा बारिश का सामना करना पड़ा था। 2005 में हुई बारिश की वजह से मुंबई समेत महाराष्ट्र के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। अंदरूनी सड़कों से लेकर राजमार्गों तक पर कई फिट पानी जमा हो गया था। भीषण बारिश की वजह कई दिनों तक यातायात प्रभावित रहा था। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे और लोग कई दिनों तक अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए थे। हजारों की संख्या में घरों, दुकानों, फैक्ट्रियों, कंपनियों और सब स्टेशन में पानी भरने से लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था।

जुलाई 2005 की इस बाढ़ से महाराष्ट्र को 5.50 बिलियन (550 करोड़) रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था। कई दिनों तक ट्रेन और फ्लाईट का संचालन बुरी तरह से प्रभावित रहा था। 26 जुलाई को लाखों की संख्या में लोग अपने कार्यालय और सड़क पर गाड़ियों में फंसे रहे थे। इस दिन महाराष्ट्र में 944 एमएम (37.17 इंच) बारिश हुई थी। भीषण बारिश की वजह से जुलाई 2005 में (एक माह के भीतर) महाराष्ट्र में 1094 लोगों की असामायिक मौत हो गई थी। इनमें से ज्यादातर लोगों ने खुले मेनहोल और नालों की वजह से जान गंवाई थी। यही वजह है कि मुंबई में जब-जब मूसलाधार बारिश होती है, लोग 2005 की इस बारिश को याद कर कांप उठते हैं।

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TAGS: The rain of Mumbai, was remind, Situation, 2005, 1094 people, were killed, that time
OUTLOOK 02 July, 2019
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